तबीयत
ठीक रहती है
तो
बड़ा झूठ
बहुत आसानी से
पचाया जाता है
बकवास
लिखी जाती रहती है
तो
सच भी
नंगा होने में शरमाता है
जिंदगी
निकलती जाती है
झूठ ही
सबसे बड़ा
सच होता है
समझ में आता जाता है
हर कोई
एक नागा साधू होता है
कपड़े
सब के पास होते हैंं
तो
दिखाने भी होते हैं
इसीलिये
पहन कर आया जाता है
बहुत कुछ
होता है जो
कहीं भी नहीं
पाया जाता है
नहीं होना ही
सबसे अच्छा होता है
बिना
पढ़ा लिखा भी
बहुत कुछ
समझा जाता है
साँप
के दाँत
तोड़ कर
आ जाता है
बत्तीस
नहीं थे
छत्तीस हैं
बता कर जाता है
साँप
तो
मार खाने
के बाद
गायब हो जाता है
साँपों की
बात करने वाला
जगह जगह
मार खाता है
गरियाया जाता है
लकीर
पीटने वाला
सब से समझदार
समझा जाता है
माना जाता है
पीटते पीटते
फकीर हो जाता है
ऊपर वाला भी
देखता रह जाता है
एक जगह
खड़ा रहने वाला
हमेशा शक की
नजरों से देखा जाता है
थाली में
बैगनों के साथ
लुढ़कते रहने वाला ही
सम्मानित
किया जाता है
‘उलूक’
कपड़े लत्ते की
सोचते सोचते
गंगा नहाने
नदी में उतर जाता है
महाकुँभ
की भीड़ में
खबरची के
कैमरे में आ जाता है
पकड़ा जाता है
घर में
रोज रोज
कौन कौन
नहाता है
अखबार
में नहीं
बताया जाता है
बकवास
करते रहने से
खराब
तबीयत का
अन्दाज नहीं
लगाया जाता है
तबीयत
ठीक रहती है
तो
एक
बड़ा झूठ भी
आसानी से
पचाया जाता है
चित्र साभार: http://hatobuilico.com
ठीक रहती है
तो
बड़ा झूठ
बहुत आसानी से
पचाया जाता है
बकवास
लिखी जाती रहती है
तो
सच भी
नंगा होने में शरमाता है
जिंदगी
निकलती जाती है
झूठ ही
सबसे बड़ा
सच होता है
समझ में आता जाता है
हर कोई
एक नागा साधू होता है
कपड़े
सब के पास होते हैंं
तो
दिखाने भी होते हैं
इसीलिये
पहन कर आया जाता है
बहुत कुछ
होता है जो
कहीं भी नहीं
पाया जाता है
नहीं होना ही
सबसे अच्छा होता है
बिना
पढ़ा लिखा भी
बहुत कुछ
समझा जाता है
साँप
के दाँत
तोड़ कर
आ जाता है
बत्तीस
नहीं थे
छत्तीस हैं
बता कर जाता है
साँप
तो
मार खाने
के बाद
गायब हो जाता है
साँपों की
बात करने वाला
जगह जगह
मार खाता है
गरियाया जाता है
लकीर
पीटने वाला
सब से समझदार
समझा जाता है
माना जाता है
पीटते पीटते
फकीर हो जाता है
ऊपर वाला भी
देखता रह जाता है
एक जगह
खड़ा रहने वाला
हमेशा शक की
नजरों से देखा जाता है
थाली में
बैगनों के साथ
लुढ़कते रहने वाला ही
सम्मानित
किया जाता है
‘उलूक’
कपड़े लत्ते की
सोचते सोचते
गंगा नहाने
नदी में उतर जाता है
महाकुँभ
की भीड़ में
खबरची के
कैमरे में आ जाता है
पकड़ा जाता है
घर में
रोज रोज
कौन कौन
नहाता है
अखबार
में नहीं
बताया जाता है
बकवास
करते रहने से
खराब
तबीयत का
अन्दाज नहीं
लगाया जाता है
तबीयत
ठीक रहती है
तो
एक
बड़ा झूठ भी
आसानी से
पचाया जाता है
चित्र साभार: http://hatobuilico.com