उलूक टाइम्स

मंगलवार, 11 सितंबर 2012

देशद्रोह

थोड़ा
कुछ लिखना
थोड़ा
कुछ बनाना

हो जाता है अब
अपने लिये ही
आफत
को बुलाना

देखने में तो
बहुत कुछ
होता हुआ

हर किसी को
नजर आता है

उस होते हुऎ पर
बहुत ऊल जलूल
विचार भी आता है

कोशिश
करके बहुत
अपने को
रोका जाता है

सब कुछ
ना कह कर
थोड़ा सा
इशारे के
लिये ही तो
कहा जाता है

यही थोड़ा
सा कहना
और बनाना
अब देशद्रोह
हो जाता है

करने वाला
ऊपर से
झंडा एक
फहराता है

डंडे के जोर पर
जो मन में आये
कर ले जाता है

करने वाले से
कुछ बोल पाने
की हिम्मत
कोई नहीं
कर पाता है

क्योंकी
ऎसा करना
सम्मान से करना
कहा जाता है

लिखने बनाने
वाले पर
हर कोई बोलना
शुरू हो जाता है

सारा कानून
जिंदा
उसी के लिये
हो जाता है

अंदर कर
दिये जाने को
सही ठहराने के लिये

अपनी विद्वता
प्रदर्शित करने
का यह मौका
कोई नहीं
गंवाता है

अंधेर नगरी
चौपट राजा
की कहावत
का मतलब
अब जा कर
अच्छी तरह
समझ में
आ जाता है ।