उलूक टाइम्स

बुधवार, 13 नवंबर 2013

विनती

खाली घूमने
आते हैं
ना आयें
कहीं और
चले जायें
टिप्पणी का
बाजार ना
ही बनायें
लिखा हुआ
पढ़े पूरा
समझ में
नहीं आये
तो लिखें
नहीं समझ पाये
हिम्मत करें
कहें कूड़ा है
जो लिखा है 

खुद कूड़ा
ना फैलायें
ना ही कोई
फैलानें पाये
इतना साहस
पैदा कर
सकते हैं
तो यहाँ आयें
जरूर आयें।