खाली घूमने
आते हैं
ना आयें
कहीं और
चले जायें
टिप्पणी का
बाजार ना
ही बनायें
लिखा हुआ
पढ़े पूरा
समझ में
नहीं आये
तो लिखें
नहीं समझ पाये
हिम्मत करें
कहें कूड़ा है
जो लिखा है
खुद कूड़ा
ना फैलायें
ना ही कोई
फैलानें पाये
इतना साहस
पैदा कर
सकते हैं
तो यहाँ आयें
जरूर आयें।
आते हैं
ना आयें
कहीं और
चले जायें
टिप्पणी का
बाजार ना
ही बनायें
लिखा हुआ
पढ़े पूरा
समझ में
नहीं आये
तो लिखें
नहीं समझ पाये
हिम्मत करें
कहें कूड़ा है
जो लिखा है
खुद कूड़ा
ना फैलायें
ना ही कोई
फैलानें पाये
इतना साहस
पैदा कर
सकते हैं
तो यहाँ आयें
जरूर आयें।
अगर आप टिप्पणी के बदले टिप्पणी करने के लिये यहाँ आये हैं तो कृपया कष्ट ना करें !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार को (14-11-2013) ऐसा होता तो ऐसा होता ( चर्चा - 1429 ) "मयंक का कोना" पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चाचा नेहरू के जन्मदिवस बालदिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'