उलूक टाइम्स

शनिवार, 22 अप्रैल 2017

चिकने घड़े चिकने घड़े की करतूत के ऊपर बैठ कर छिपाते हैं

अचानक
हवा चलनी
बन्द हो
जाती है

साँय साँय
की आवाज
सारे जंगल
से गायब
हो जाती है

कितनी भी
सूईंयाँ गिरा
ले जाये कोई
रास्ते रास्ते

आवाज
जरूर होती
होगी इतनी
खामोशी में

पर
कान तक
पहुँचने
पहुँचने तक
पता नहीं
चलता है

कैसे किस
सोख्ते में
सोख ली
जाती है

ढोलचियों
के खुद के
रोजाना
खुद के लिये
अपने हाथों
से ही पीटे
जाने वाले
ढोल सारे
लटके हुऐ
कहीं नजर
आते हैं

मातम मना
रहे हों जैसे
सारे मिल
जुल कर
कुछ इसी
तरह का
अहसास
कराते हैं

शेरों के
मुखौटे भी
नजर आते
हैं गर्दनों से
पीछे की
ओर लटके हुऐ

सारे गधे
गधों के
कान के
पीछे कुछ
फुसफुसाते
हुऐ पाये
जाते हैं

ये बात
कोई नयी
नहीं होती है

ऐसी बात
भी नहीं है
कि हमेशा
ही होती है

बस कभी
हजार दो
हजार
बार की
हरकतों
के बीच
कहीं

कोई एक
दो गिरोह
के साथी
अपने ही
घर की
थालियों
की रोटियाँ
छिपाते
हुऐ पकड़े
जाते हैं

कोई सजा
किसी को
नहीं होती है

अपनी
सरकार
होती है
इन्ही में से
किसी को
पुरुस्कार
बाँटे जाते हैं

खामोशी भी
कुछ दिनों
की होती है

चिकने घड़े
भी कहाँ
किसी के
हाथ में
आते हैं

शोर नहीं
होता है
कुछ देर में
फुसफुसाने
वाले भी
अपने अपने
घरों को
चले जाते हैं

हवा की
मजाल है
की रुक सके
ज्यादा देर तक

पेड़ जल्दी ही
साँय साँय
करना शुरु
हो जाते हैं

‘उलूक’
रोक लेता है
थूक अपना
अपने गले के
बीच में ही कहीं

सारे मुखौटे
पीठ के पीछे
से निकल कर

गधों के चेहरों
पर वापस
फिर से चिपके
हुऐ नजर आते हैं

उत्सव फिर
शुरु होते हैं
जश्न मनाते हुऐ
बेशरम ठहाके
भी साथ
में लगाते हैं।

चित्र साभार: fallout.wikia.com