उलूक टाइम्स

रविवार, 1 सितंबर 2019

कभी खरीदने आना होता है कभी बेचने जाना होता है आना जाना बना कर ही संतुलन बनाना होता है


कुछ
शब्दों को
इधर

कुछ
शब्दों को
उधर

ही तो
लगाना होता है

बकवास
करने में
कौन सा
किसी को

व्याकरण
साथ में
समझाना
होता है

कौमा
हलन्त चार विराम
अशुद्धि
चंद्र बिंदू
सीख लेना
बोनस
बनाना होता है

उनके लिये
जिन्हें
एक ही बात से
दो का मतलब
निकलवाना होता है

रोज का रोज
उगल दिया जाना

जमाखोरों
की
जमात में जाने से
खुद को
बचाना होता है

केवल
संडे मार्केट में
दुकान
लगाने वाले के लिये

एक
बड़ी मुश्किल
माल को
ठिकाने
लगाना होता है

लोकतंत्र में
कुछ भी
बेच लेने वाले
के
बोलबाले
का
दिवाना
सारा जमाना होता है

‘उलूक’
खाली
हो जायेगी
दुकान
कहना छोड़

सपने में
भी
खाली
देख लेने
वाले को

सबसे पहले
अन्दर
जाना होता है ।

चित्र साभार: https://www.ttu.ee