दर्द जब होता है हर कोई दवाई खाता है
तुझे क्या ऎसा होता है कलम उठाता है ।
रोशनी के साथ मिलकर ही इंद्रधनुष बनाता है
अंधेरे में आँसू भी हो तो पानी हो जाता है ।
सपना देखता है एक तलवार चलाता है
लाल रंग की स्याही देखते ही डर जाता है ।
सोच को चील बना ऊँचाई पर ले जाता है
ख्वाब चीटियों से भरा देख कर मुर्झाता है ।
हुस्न और इश्क की कहानी बहुत सुनाता है
अपनी कहानी मगर हमेशा भूल जाता है ।
बहुत सोचने समझने के बाद समझाता है
समझने वाला हिसाब लेकिन खुद लगाता है ।
दुखी होता है जब जंगल निकल जाता है
डाल पर उल्लुओं को देख कर मुस्कुराता है ।
रोज का रोज मान लिया जलेबी बनाता है
पकौड़ी बन गई कभी किसी का क्या जाता है ।
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जलेबी तो हो गयी पकौड़ी अब इस पर
रविकर जी की टिप्पणी का मजा लीजिये
रविकर जी की टिप्पणी का मजा लीजिये
रोज जलेबी खा रहा, हो जाता मधुमेह |
इसीलिए दिखला रहा, आज पकौड़ी नेह |
आज पकौड़ी नेह, खूब चटकारे मारे |
लेता जम के खाय, रात बार बड़ा डकारे |
सके न चूरन फांक, जगह जो पूरी फुल है |
बैठा जाके शाख, यही तो इसका हल है ||
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंहल्दी लगी न फिटकरी,
रंग तो चोखा आ ही गया!
इन व्यंजनों को तो रविकर ही बना सकता है!
शुभसंध्या...!
सच कहा ..पकौड़ी बन गई कभी किसी का क्या जाता है ! बहुत बढ़िया..
जवाब देंहटाएंरोज जलेबी खा रहा, हो जाता मधुमेह |
जवाब देंहटाएंइसीलिए दिखला रहा, आज पकौड़ी नेह |
आज पकौड़ी नेह, खूब चटकारे मारे |
लेता जम के खाय, रात बार बड़ा डकारे |
सके न चूरन फांक, जगह जो पूरी फुल है |
बैठा जाके शाख, यही तो इसका हल है ||
होय पेट में रेचना, चना काबुली खाय ।
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना देख के, चर्चा मंच चुराय ।
सोच को चील बना ऊंचाई पे लेजाता है ...
जवाब देंहटाएंसोच को चील बना ऊँचाई पर ले जाता है,
बहुत सुन्दर प्रयोग .चील एक किलोमीटर ऊपर उड़ते हुए भी एक चावल के दाने को भी रोटी के बराबर स्पस्ट देख लेती है .
इटली वाली चील नहीं देखी आपने ?
scavenger होती है चील भारतीय संपदा को दूर से देख लेती है .अब गुजरात की बारी है .
जवाब देंहटाएंTHURSDAY, OCTOBER 4, 2012
जवाब देंहटाएंपकौडी़
कुछ भी नहीं...पर शोर मचाता है
जवाब देंहटाएंhttp://bulletinofblog.blogspot.in/2012/10/2.html
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-10-2015) को "क्या रावण सचमुच मे मर गया" (चर्चा अंक-2139) (चर्चा अंक-2136) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 08 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर अत्यधिक सराहनीय
जवाब देंहटाएंइतनी मधुर आपकी बक बक
जवाब देंहटाएंजितनी की जलेबी
शब्द इतने चटकीले
मानो जैसे पकौड़ी।
लाजवाब👌
बहुत सुंदर।
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