रहने भी दे
हमेशा खुद से ही
बहस मत कर लिया कर
कुछ औरों का लिखना भी
कभी तो देख भी लिया कर
अपना अपना भी लिख रहे हैं
लिखने वाले
तू भी कभी कुछ अपना ही
लिख लिया कर
इधर उधर देखना थोड़ी देर के लिये ही सही
कभी आँखें ही
कुछ देर के लिये सही
बन्द भी कर दिया कर
कभी कुछ नहीं तो
हो भी सकने वाला
एक सपना ही लिख दिया कर
लिखे हुऐ कुछ में
समय कितनों के लिखे में दिखता है
ये भी कभी कुछ देख लिया कर
हमेशा
घड़ी देखकर ही लिखेगा क्या
कभी चाँद तारे भी देख लिया कर
सब का लिखा घड़ी नहीं होता है
बता पायेगा क्या कितने बज रहे हैं
अपने लिखे हुऐ को ही देख कर कभी
रोज का ना सही
कभी किसी जमाने के लिखे को
देखकर ही
समय उस समय का बता दिया कर
घड़ी पर लिखने वाले बहुत होते हैं
घड़ी घड़ी लिखने वाले
घड़ी लिख लें जरूरी नहीं
कभी किसी दिन
किसी की घड़ी ना सही
घड़ी की टिक टिक
पर ही कुछ कह दिया कर
समय सच होता है
सच लिखने वाले को
समय दूर से ही सलाम कर देता है
समय लिखने वाले
और समय पढ़ने वाले होते तो हैं
मगर थोड़े से होते हैं
कभी समय समझने वालों
को समझकर
समय पर मुँह अँधेरे
भी उठ लिया कर
अपनी नब्ज अपने हाथ में होती है
सब नाप रहे होते हैं
थोड़े से कुछ होते हैं
नब्ज दूसरों की नापने वाले
उन्हें डाक्टर कहते हैं
कभी किसी दिन
किसी डाक्टर का आला ही
पकड़ लिया कर
‘उलूक’ देखने सुनने लिखने
तक ठीक है
हर समय फेंकना ठीक नहीं है
औरों को भी कभी कुछ समय के लिये
समय ही सही फेंकने दिया कर ।
चित्र साभार: http://www.toonvectors.com
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