लिखने की इच्छा है लिखो किसने रोका है
थोड़ा सा लिखो कुछ छोटा सा लिखो
समझ ले कोई भी कुछ ऐसा लिखो
उस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये
भटक ना जाये बहक ना जाये
फिर से दुबारा ढूँढता हुआ आये कुछ ऐसा लिखो
पर कैसे लिखो बिना सोचे समझे
कुछ लिखो या कुछ समझे हुऐ पर कुछ समझाकर लिखो
मुद्दे पर लिखो या कुछ तकिये रजाई और गद्दे पर लिखो
अपने अन्दर के जमा किये हुऐ कूढ़े को थोड़ा सा सरका कर
दिमाग के किसी कोने पर
पड़ोसन के नये खरीदे हुऐ नये ब्राँडेड पर्दे पर लिखो
लेकिन कुछ तो लिखो
क्या पता लिखते लिखते लिखने को समझ आ जाये
खुद ही अपने आप सही सपाट और सीधा सच्चा सा
लिखने लिखाने लायक
निकल कर दौड़ ले पन्ने पर सफेद
बनाते हुऐ ओल वैदर रोड टाईप की सरकार की
महत्वाकाँक्षी सड़क जैसा कुछ
लिखते ही
बादल हटें कोहरा किनारे से निकलता
शर्माता हुआ खुद ही भाप हो जाये
सजीव लिखते हैं सभी लिखते हैं
जीव लिखते हैं निर्जीव लिखते हैं
लिखने लिखाने की दुनियाँ में
कब कौन कहाँ से कैसे लिखते हैं
किसने सोचना है जमीन हो जाये
लिखना जरूरी है
किसी के लिये लिखना मजबूरी है
किसी के लिये
शौक से लिखिये शौक लिखिये मौज हो जाये
कोई नहीं लिखता है
वो सब अपने अंदर का ‘उलूक’
जो वो करता है
बताता नहीं है किसी को
लिखने लिखाने से उसके किसी को पता नहीं चलना है
वो वही लिखता है
जिसके लिखने से किसी को कुछ पता ना चले
और लिखे लिखाये के पैदा होने से पहले
उसकी मौत हो जाये।
थोड़ा सा लिखो कुछ छोटा सा लिखो
समझ ले कोई भी कुछ ऐसा लिखो
उस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये
भटक ना जाये बहक ना जाये
फिर से दुबारा ढूँढता हुआ आये कुछ ऐसा लिखो
पर कैसे लिखो बिना सोचे समझे
कुछ लिखो या कुछ समझे हुऐ पर कुछ समझाकर लिखो
मुद्दे पर लिखो या कुछ तकिये रजाई और गद्दे पर लिखो
अपने अन्दर के जमा किये हुऐ कूढ़े को थोड़ा सा सरका कर
दिमाग के किसी कोने पर
पड़ोसन के नये खरीदे हुऐ नये ब्राँडेड पर्दे पर लिखो
लेकिन कुछ तो लिखो
क्या पता लिखते लिखते लिखने को समझ आ जाये
खुद ही अपने आप सही सपाट और सीधा सच्चा सा
लिखने लिखाने लायक
निकल कर दौड़ ले पन्ने पर सफेद
बनाते हुऐ ओल वैदर रोड टाईप की सरकार की
महत्वाकाँक्षी सड़क जैसा कुछ
लिखते ही
बादल हटें कोहरा किनारे से निकलता
शर्माता हुआ खुद ही भाप हो जाये
सजीव लिखते हैं सभी लिखते हैं
जीव लिखते हैं निर्जीव लिखते हैं
लिखने लिखाने की दुनियाँ में
कब कौन कहाँ से कैसे लिखते हैं
किसने सोचना है जमीन हो जाये
लिखना जरूरी है
किसी के लिये लिखना मजबूरी है
किसी के लिये
शौक से लिखिये शौक लिखिये मौज हो जाये
कोई नहीं लिखता है
वो सब अपने अंदर का ‘उलूक’
जो वो करता है
बताता नहीं है किसी को
लिखने लिखाने से उसके किसी को पता नहीं चलना है
वो वही लिखता है
जिसके लिखने से किसी को कुछ पता ना चले
और लिखे लिखाये के पैदा होने से पहले
उसकी मौत हो जाये।
चित्र साभार: https://promotionalproductsblog.net/
बादल हटें कोहरा किनारे से निकलता
जवाब देंहटाएंशर्माता हुआ खुद ही भाप हो जाये
बेहतरीन रचना
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसच है ! कोई नहीं लिखता है, वो सब अपने अंदर का !
जवाब देंहटाएंअपनी करनी को जग जाहिर करने के लिए भी कलेजा चाहिए
सच लिखते रहो बस लिखते रहो
जवाब देंहटाएंबदलाव लिखने से ही आता है जीवन में, चाहें वह कैसा भी हो
लिखने की इच्छा है
जवाब देंहटाएंलिखो किसने रोका है
थोड़ा सा लिखो
कुछ छोटा सा लिखो
समझ ले कोई भी
कुछ ऐसा लिखो
सादर नमन
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंयथार्थपरक सृजन
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (०९ -०६-२०२१) को 'लिप्सा जो अमरत्व की'(चर्चा अंक -४०९१ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
अद्भुत संदेश दिया है,काश सब स्वयं को व्यक्त कर सकें।
जवाब देंहटाएंस्वयं को व्यक्त करने से पहले स्वयं से मुलाक़ात होनी ज़रूरी है
जवाब देंहटाएंउस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये
जवाब देंहटाएंभटक ना जाये बहक ना जाये
फिर से दुबारा ढूँढता हुआ आये कुछ ऐसा लिखो---बहुत ही शानदार...
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह, बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंलिखते लिखते ही लेखनी उज्जवल हो जाती है। सुन्दर सन्देश।
जवाब देंहटाएंवाह,लेखन को कितने रूप से दिए,साथ ही कड़वी सच्चाई भी बयां हो गई ।
जवाब देंहटाएंथोड़ा सा लिखो कुछ छोटा सा लिखो
जवाब देंहटाएंसमझ ले कोई भी कुछ ऐसा लिखो
उस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये
भटक ना जाये बहक ना जाये
फिर से दुबारा ढूँढता हुआ आये कुछ ऐसा लिखो
सुन्दर रचना....
कड़वी सच्चाई,हमेशा की तरह लाजबाब,सादर नमन सर
जवाब देंहटाएंजी किया है बताता नहीं किसी को ...
जवाब देंहटाएंसच है हर कोई ऐसा करता है ...
कोई नहीं लिखता है
जवाब देंहटाएंवो सब अपने अंदर का ‘उलूक’
जो वो करता है
बताता नहीं है किसी को
–सत्य बात
कड़वा सत्य,
जवाब देंहटाएंसटीक रचना।
गज़ब की बात कही आपने. सच ही है वह सब ही लिखा जाता है जिससे लिखने वाले का सच पता न चले. जबतक पता चले वह दुनिया छोड़ जाए. मनन योग्य गंभीर बात.
जवाब देंहटाएंAwesome post !
जवाब देंहटाएंYour posts always become lovely.
I like your blog.
Keep it up !
www.margdarsan.com
अति सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंसादर
थोड़ा सा लिखो कुछ छोटा सा लिखो
जवाब देंहटाएंसमझ ले कोई भी कुछ ऐसा लिखो
उस लिखे पर कोई भी कुछ भी लिख ले जाये
भटक ना जाये बहक ना जाये
फिर से दुबारा ढूँढता हुआ आये कुछ ऐसा लिखो
वाह!!!
क्या बात...
सार्थक लेखन को प्रेरित करता लाजवाब सृजन।
लेकिन कुछ तो लिखो …
जवाब देंहटाएंवाह👏👏
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंकोई नहीं लिखता है
जवाब देंहटाएंवो सब अपने अंदर का ‘उलूक’
जो वो करता है
बताता नहीं है किसी को---वाह क्या गजब पंक्तियां और गहन भाव हैं...। खूब अच्छी रचना है।