चल रहने दे सब जमीन की बातें
कभी तो कोशिश कर थोड़ा सा आसमान लिख दे
कभी तो कोशिश कर थोड़ा सा आसमान लिख दे
लिखते लिखते घिस चुकी सोच
छोड़ एक दिन बिना सोचे पूरा एक बागवान लिख दे
छोड़ एक दिन बिना सोचे पूरा एक बागवान लिख दे
ला लिखेगा जमा किया महीने भर का
जैसे एक दिन में कोई पूरा कूड़ेदान लिख दे
जैसे एक दिन में कोई पूरा कूड़ेदान लिख दे
किसलिये करनी है इतनी मेहनत
कौन कहता है तुझसे चल एक बियाबान लिख दे
सबको लिखना है सबको आता है लिखना
तू अपना लिख पूरा इमतिहान लिख दे
किसने बूझना है लिखे को किसे समझना है
आधा लिख चाहे पूरा दीवान लिख दे
होता रहा है होता रहेगा आना जाना यहां भी वहां भी
रास्ते रास्ते निशान लिख दे
तू ना सही कोई और शायद कर ले कोशिश लौटने की फिर यहीं
खाली उनवान लिख दे
आदत है तो है मगर ठीक नही है लिखना इस तरह से खीच कर
पूरी लम्बी एक जुबान लिख दे
निकले कुछ तो मतलब कभी लिखे का तेरे ‘उलूक’
मत लिखा कर इस तरह कि दुकान लिख दे
चित्र साभार: https://www.indiamart.com/
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (2-10-22} को "गाँधी जी का देश"(चर्चा-अंक-4570) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह सुन्दर सृजन । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कहा।
जवाब देंहटाएंमैं भी टिप्पणी कर ही देती हूं कि बहुत सुंदर लिखा।
जवाब देंहटाएंलिखूँ या न लिखूँ, यह या वह लिखूँ, इसके बारे में या उसके बारे में लिखूँ, आपकी रचना में यह द्वंद्व कदम-कदम पर झलकता है , जब ऊपर वाले ने लिखने की सलाहियत दे ही दी है तो उसे काम में लाना ही बनता है
जवाब देंहटाएं"तू ना सही कोई और शायद कर ले कोशिश लौटने की फिर यहीं
जवाब देंहटाएंखाली उनवान लिख दे"
हमेशा की तरह शानदार!!
वाह! लिखने वाले का तो वितान ही लिख दिया है।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएं'निकले कुछ तो मतलब कभी लिखे का तेरे ‘ - निकालनेवाले खींचतान कर मतलब निकाल लेंगे,तू लिख चाहे जो ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब जोशी जी ....
जवाब देंहटाएंनिकले कुछ तो मतलब कभी लिखे का तेरे ‘उलूक’
जवाब देंहटाएंमत लिखा कर इस तरह कि दुकान लिख दे
रोचकता लिए चिंतनपूर्ण रचना ।
तू ना सही कोई और शायद कर ले कोशिश लौटने की फिर यहीं
जवाब देंहटाएंखाली उनवान लिख दे
इसलिए आप प्रतिदिन का लेखन करें
सादर
सुन्दर रचना । दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ l
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा ताल छंदयुक्त मतलब निकल रहा है इस लिखे का।
जवाब देंहटाएंवाह,लपेट कर मारना इसे कहते हैं!
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखा है आपने सुशील जी।दीवान भले कोई ना लिख पाये पर जिसके भीतर भावनाओं के प्रचंड आवेग उमड़ते हैं माँ सरस्वती उसे कभी ना कभी कलम थमा ही देती है।कहने को हमारे जैसे कथित रचनाकार भी साहित्य में कोई अहम भूमिका नहीं निभा रहे पर कलम को घसीट ही रहें हैं जैसे -तैसे 🙏
जवाब देंहटाएंThe warp tying machine is an indispensable automatic equipment in the weaving workshop of the weaving factory for connecting the warp yarn of the loom with the warp yarn of the new weaving shaft to complete the purpose of warp tying and shaft changing.
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