उलूक टाइम्स: इतना कुरेद कब्र लिखी जाए

शनिवार, 30 नवंबर 2024

इतना कुरेद कब्र लिखी जाए

 


इतना कुरेद
कब्र लिखी जाए
दफन करने के लिए कुछ
कुछ किया जाए

मिट्टी नहीं सही
राख ली जाए  
कफन ढकने के लिए कुछ
कुछ दिया जाए

आग से खेल नियम हैं
जल और जला  धरम है  
किताबों में नहीं लिखा है
दीवारों पर लिख
नया कानून लिखा जाए

 फूँक ले घर को
फूँक ले शहर को
रोशनी से कह कर
थोड़ा सब्र करने की बात  
आंच और धुएं को
गुमराह किया जाए

 राख ही राख हो
राख की इफ़रात हो
कब्र ना भी लिख सके अगर
दफन हो सभी कुछ
कफन ना बरबाद हो

 इतना कुरेद
कब्र लिखी जाए
दफन करने के लिए कुछ
कुछ किया जाए


चित्र साभार:
https://www.shutterstock.com/



9 टिप्‍पणियां:

  1. क्या बात है ... दफ़न करने के लिए कुछ किया जाए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. इतना कुरेद कब्र लिखी जाए
    व्वाहहहहहह्
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  3. कुरेदा जा रहा है हद तक, तभी हिंसा का तांडव खेला जा रहा है, इसकी फ़िक्र ही नहीं कि आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जा रहा है समाज, रोशनी को जब सब्र सिखाया जाता है तब मृत्यु के सिवा कौन जीत सकता है

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में मंगलवार 03 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  5. इतना कुरेद
    कब्र लिखी जाए
    दफन करने के लिए कुछ
    कुछ किया जाए
    सही कहा दफन करने लिए कुछ तो चाहिए न तो कुरेदो ताकि अपना किया दफन हो जाय और कुरेदा दिखा कर ध्यान भी बँट जाय देखने वालों का ।
    लाजवाब 👌👌🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. सच कुरेदना का खेल कभी खत्म नहीं हो सकता,, बस थोड़ा मौका मिलना चहिए,,,,

    जवाब देंहटाएं
  7. आपकी लिखी हुई पंक्तियाँ पढ़कर लगा जैसे राख और आग से भी नया सच जन्म ले सकता है। ये कविता सिर्फ़ दुख या अंधकार नहीं दिखाती, बल्कि एक तरह की बगावत और बदलाव की मांग भी करती है। सच कहूँ तो यह लफ़्ज़ झकझोरते हैं और अंदर तक असर करते हैं।

    जवाब देंहटाएं