उलूक टाइम्स: इज्जत
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गुरुवार, 1 अगस्त 2013

डाँठ खाना सीख जा मास्टर से हैडमास्टर हो जा

घर में मां बाप
डाँठ खाते है
किसी को नहीं
कुछ बताते हैं
बाहर निकलते
ही बस थोड़ा
मुस्कुराते हैं
छात्रों का
अधिकार क्षेत्र
विस्तृत हो
जाता है
उस दिन से
जिस दिन से
वो छात्र नेता
हो जाते है
स्कूल के
मास्साब को
हड़काते हैं
घर का तो
पता ही नहीं
चल पाता है
वहाँ जो होता है
कोई बाहर
आकर नहीं
बताता है
मास्टर बेचारा
बड़बडाता ही
रह जाता है
कुछ कहने की
करता भी
है कोशिश
कह नहीं
पाता है
कुछ भी
छुप नहीं
पाता है
बहुत से
छात्रों के
बीच में
जो हड़काया
जाता है
छात्र नेता
का झंडा
बुलंद हो
जाता है
आने वाले
चुनावों में
अपने चारों
ओर अपने
जैसे मास्टर
हड़काने वाले
छात्रों की
भीड़ से
घिरा हुआ
अपने को
पाता है
कालर कमीज
का खुद
ही खड़ा
हो जाता है
मास्टर जिंदगी
भर मास्टर
एक रह
जाता है
छात्र नेता
स्कूल से
पार्लियामेंट
तक पहुँच
जाता है
हाँ जो
मास्टर डांठ
खाना सीख
ले जाता है
धीरे से
मुस्कुराता है
नेता जी
उतारते रहें
इज्जत कभी
भी कहीं भी
प्रतिक्रिया नहीं
दिखलाता है
कभी सरकार
से कुछ उसे
दे दिलवा
दिया जाता है
जो नहीं
मुस्कुरा पाता है
डांठ खाने
पर मुँह
बनाता है
ऎसे मास्टरों
को समाज
भी इज्जत
नहीं दे
पाता है
हड़का हुआ
एक मास्टर
जो अपनी
इज्जत नहीं
बचा पाता है
किसी के काम
कहीं भी नहीं
आ पाता है ।

शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

सुधर जा


सुधर जा

कुछ नया पढ़ कुछ नया पढ़ा

जमाने के साथ जा
गेरुआ कपड़ा दिखा
तिरंगे की सरकार बनवा 
करोड़ों खा लिये को गलिया
हजार के नोट की गड्डी घर ले जा

सुधर जा
बहुत ज्यादा मत खिसिया
वो पढ़ा
जो कहीं भी किताबों में नहीं है लिखा

समुंदर देख कर आ
नल पे लगी कतार को हटवा
नहीं कर सकता है
तो किसी को ठेकेदार बनवा

सुधर जा

कुछ चेले चपाटे बनवा
दूसरों के पीछे लगा
अपनी रोटी सेक उनको पागल बना

सुधर जा

कुछ भी हो जा
कुछ उधर दे के आ कुछ इधर दे जा

तेरी कोई नहीं सुनता
तू फेसबुक में खाता बना

ब्लाग में फूलों की फोटो दिखा
हजार निष्क्रिय दोस्त बना
चार के लाईक पर इतरा

जो हमेशा देता है इज्जत
उस सरदार को दुआ देता जा

सुधर जा।

https://www.facebook.com/Masti-comedy-express

सोमवार, 25 जून 2012

कार ला दो एक उधार ला दो


सुनो जी 

सुनो जी 

एक कार 

अब तो
ले ही 
आते हैं

पैसा 
अपना 
किसी बैंक में 

पहले
फिक्स 
करवाते है 

उसके बाद 

किसी से 
कुछ उधार 
लेने की 

योजना 
एक 
बनाते हैं

बैंक से 
उधार 
लेने पर तो 

ब्याज 
सिर चढ़ता 
चला जायेगा

किसी 
पड़ोसी 
या दोस्त
को फसाने से 

काम 
बहुत आसान 
हो जायेगा

कुछ लम्बा 
समय भी 
मिल जायेगा 

और 
खाली मूलधन 
लौटाने से भी 

काम
हमारा चल 
ही जायेगा

आज से ही 
रेकी करना
आप शुरू 
कर डालिये

पहले 

पैसे वाले 
जो पैदल 
चला करते हैं

उन पर 
नजर डालिये

ऎसे लोग 
बड़ी किफायत
के साथ 
चला करते हैं

पैसा बर्बाद 
बिल्कुल नहीं
कभी करते हैं 

बस 
जरूरत 
की चीजें 
ही खरीदा 
करते हैं

छोटे 
समय में 
इन लोगों 
के पास 

अच्छी
पूंजी जमा 
हो जाती है

जो किसी 
के भी कहीं
काम में नहीं 
आ पाती है

इन 
लोगों को 
अपने 
पैसे को 

कहीं 
लगाना 
आप 
सिखलाइये

जमाना 
कहाँ से कहाँ
पहुँच गया है 

इनको 
आईना 
दिखलाइये

जीने चढ़ 
उतर कर

ये 
इधर 
उधर 
पैदल 
जाते रहें 
कहीं भी

हमें 
मतलब नहीं

बस 
हमारे ऊपर 
थोड़ा सा 
तरस 
ये खा सकें 

इसके लिये
इनके सामने 
गिड़गिड़ाने में 

आप 
बिल्कुल 
भी ना 
शर्माइये

सफाई 
कर्मचारी तक
आजकल 

झाडू़
लेकर
कार पर 
आने लगे हैं

हमें भी 
एक कार 
दिलवाकर 

इज्जत 
हमारी 

नीलाम 

सरेआम 
होने से 
बचाइये।