कुछ चूहे
सुना जा
रहा है
नाच रहे हैं
कुछ
पता चल
रहा है
भाग रहे हैं
किसी
जलजले
का डर है
या
किसी साँप
की हलचल
कहीं
आसपास
रेंगने की
भाँप रहे हैं
सफेद चूहों
को देखा है
खोदते हुऐ
एक मकान
की जड़ों को
कल तक
आज काले
उधर की तरफ
झाँक रहे हैं
बहुत
हड़बड़ी
के साथ
एक दूसरे
के ऊपर
चढ़ कूद
उछल कर
शोर मचाते
अपने
पंजे और दाँतों
को माँज रहे हैं
ठेका
बदल रहा है
कुछ देर में ही
निविदाओं
के पुराने
हो चुके
कागजों से
पुराने
ठेकेदार
सर्दी भगाने
के लिये
आग जला
कर ताप रहे हैं
खबर
गरम है
गरम पड़े
हुऐ नरम हैं
आकाश
की तरह
मुँह किये हुऐ
कई सारे
दिन में
तारे गिनने की
कोशिश करते
जैसे
आँखों ही
आँखों में
एक दूसरे की
पीड़ा नाप रहे हैं
‘उलूक’
तू भी देख
मुँह
ऊपर कर
आकाश की
तरफ कहीं
सबसे
खुशहाल
वही सब हैं
जो नहीं
सोच रहे हैं चूहे
और
मुँह उठा कर
कहीं
ऊपर
की तरफ
ताक रहे हैं।
चित्र साभार: https://clipartxtras.com
सुना जा
रहा है
नाच रहे हैं
कुछ
पता चल
रहा है
भाग रहे हैं
किसी
जलजले
का डर है
या
किसी साँप
की हलचल
कहीं
आसपास
रेंगने की
भाँप रहे हैं
सफेद चूहों
को देखा है
खोदते हुऐ
एक मकान
की जड़ों को
कल तक
आज काले
उधर की तरफ
झाँक रहे हैं
बहुत
हड़बड़ी
के साथ
एक दूसरे
के ऊपर
चढ़ कूद
उछल कर
शोर मचाते
अपने
पंजे और दाँतों
को माँज रहे हैं
ठेका
बदल रहा है
कुछ देर में ही
निविदाओं
के पुराने
हो चुके
कागजों से
पुराने
ठेकेदार
सर्दी भगाने
के लिये
आग जला
कर ताप रहे हैं
खबर
गरम है
गरम पड़े
हुऐ नरम हैं
आकाश
की तरह
मुँह किये हुऐ
कई सारे
दिन में
तारे गिनने की
कोशिश करते
जैसे
आँखों ही
आँखों में
एक दूसरे की
पीड़ा नाप रहे हैं
‘उलूक’
तू भी देख
मुँह
ऊपर कर
आकाश की
तरफ कहीं
सबसे
खुशहाल
वही सब हैं
जो नहीं
सोच रहे हैं चूहे
और
मुँह उठा कर
कहीं
ऊपर
की तरफ
ताक रहे हैं।
चित्र साभार: https://clipartxtras.com