कुछ
मौन रहे
कुछ रहे
चुप चुप
कुछ
लगे रहे
कोशिश में
लम्बे
अर्से तक
उनको
सुनने की
छुप छुप
पर
कहां
कैसे सुन पाते
कोई
मूड में
होता
सुनाने के
जो सुनाते
एक
लम्बे दौर
का आतंक
अत्याचार
भ्रष्टाचार
धीरे धीरे
चुपचाप
गुमसुम
बना देता है
हिलता
रहता मौन
अंदर से
सिमटते
सिमटते
अपने
को ठोस
बना देता है
मजबूत
बना देता है
ऎसे
मौन की
आवाज
कोई
ऎसे ही
कैसे
सुन सकता है
वो
जो ना
बोल सकता है
ना कुछ
कह सकता है
ऎसे
सारे मौन
व्यक्त
कर चुके हैं
अपने अपने
आक्रोश
बना चुके हैं
एक कोश
किसने
क्या कहा
किसने
क्या सुना
कोई नहीं
जान पायेगा
पर
हरेक
का मौन
एक होकर
अपनी बात
सबको
एक साथ
चिल्ला चिल्ला
के सुनायेगा
आतंकियों
भ्रष्टाचारियों
अत्याचारियों को
पता है
मौन की बात
अब ये
सारे लोग
खुद
आतंकित
होते चले जायेंगे
मौन
ने बोये हैं
जो बीज
इस बीच
प्रस्फुटित होंगे
बस
इंतजार है
कुछ और
दिनो का
धीरे धीरे
सारे मौन
खिलते
चले जायेंगे
किसका
कौन सा
मौन रहा होगा
कोई कैसे
जान पायेगा
जब
सब से
एक सा
एक साथ
प्रत्युत्तर पायेगा
खिलेगा
मौन का फूल
महकेगा
आतंक
अत्याचार
व्यभिचार
भ्रष्टाचार
की जमीन पर
ठीक
उसी कमल
की तरह
जिसे
कीचड़ में
भी खिलना
मंजूर होता है
मौन
मुखरित होगा
मौन
सुनेगा
मौन के गीत
मौन गायेगा
मौन मुस्कुरायेगा ।
मौन रहे
कुछ रहे
चुप चुप
कुछ
लगे रहे
कोशिश में
लम्बे
अर्से तक
उनको
सुनने की
छुप छुप
पर
कहां
कैसे सुन पाते
कोई
मूड में
होता
सुनाने के
जो सुनाते
एक
लम्बे दौर
का आतंक
अत्याचार
भ्रष्टाचार
धीरे धीरे
चुपचाप
गुमसुम
बना देता है
हिलता
रहता मौन
अंदर से
सिमटते
सिमटते
अपने
को ठोस
बना देता है
मजबूत
बना देता है
ऎसे
मौन की
आवाज
कोई
ऎसे ही
कैसे
सुन सकता है
वो
जो ना
बोल सकता है
ना कुछ
कह सकता है
ऎसे
सारे मौन
व्यक्त
कर चुके हैं
अपने अपने
आक्रोश
बना चुके हैं
एक कोश
किसने
क्या कहा
किसने
क्या सुना
कोई नहीं
जान पायेगा
पर
हरेक
का मौन
एक होकर
अपनी बात
सबको
एक साथ
चिल्ला चिल्ला
के सुनायेगा
आतंकियों
भ्रष्टाचारियों
अत्याचारियों को
पता है
मौन की बात
अब ये
सारे लोग
खुद
आतंकित
होते चले जायेंगे
मौन
ने बोये हैं
जो बीज
इस बीच
प्रस्फुटित होंगे
बस
इंतजार है
कुछ और
दिनो का
धीरे धीरे
सारे मौन
खिलते
चले जायेंगे
किसका
कौन सा
मौन रहा होगा
कोई कैसे
जान पायेगा
जब
सब से
एक सा
एक साथ
प्रत्युत्तर पायेगा
खिलेगा
मौन का फूल
महकेगा
आतंक
अत्याचार
व्यभिचार
भ्रष्टाचार
की जमीन पर
ठीक
उसी कमल
की तरह
जिसे
कीचड़ में
भी खिलना
मंजूर होता है
मौन
मुखरित होगा
मौन
सुनेगा
मौन के गीत
मौन गायेगा
मौन मुस्कुरायेगा ।