उलूक टाइम्स: मंदा
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बुधवार, 4 सितंबर 2013

गर तेरा हो धंधा तो कैसे हो सकता है मंदा


अमाँ ऊपर वाले
तेरे कमप्यूटर
का कार्यक्रम
क्या वाकई
ऊपर ही कहीं
बनाया जाता है
या यहीं नीचे से
कहीं से आयात
किया जाता है
या तो खुद ही तू
उसमें वायरस
भी डलवाता है
या कोई छोटा खुदा
तेरे वहाँ का ही
तेरे ऎंटी वायरस
को ही बेच खाता है
शायद मेरे जैसा
तेरे यहाँ भी
ओने पौने दामों में
ही बेचा जाता है
जो तेरी सत्ता को
मानने से इंकार
कर ले जाता है
उसके लिये तेरा
कमप्यूटर
कुछ ना कुछ
जुगाड़ जरूर
कर ले जाता है
जो बताता है
तेरे कारोबार में
कहीं तो है कुछ
जो रोज ही
कहीं ना कहीं
इधर से उधर
किया जाता है
सारे के सारे लोग
तू एक से
क्यों बनाता है
इस के पीछे तेरी
क्या मंसा है
ये तो किसी को
कभी नहीं  बताता है
कुछ लोगों को तू ही
धंधे पर लगाता है
कुछ लोगों को
धंधा हो रहा है
कि खबर दे
के आता है
कुछ ऎसे लोग
जिनके बारे में
तुझे कुछ कर
पायेंगे की नहीं
का भरोसा नहीं
हो पाता है
उनके दिमाग में
कीडे़ डलवाता है
बिना मेहनताने के
उनसे पता नहीं
क्या क्या ऊल
जलूल लिखवाता है
दो चार को लिखा हुआ
देख के आने के लिऎ
कह भी आता है
ज्यादा लोगों को
धंधा चलने  की
खबर भी नहीं
पहुंचाना चाहता है
उसके लिये कुछ
नौटंकी कुछ मजमों
के टेंट अलग अलग
जगह पर लगवाता है
ज्यादात्तर भीड़ को
उधर की तरफ ही
पहुँचा कर आता है
जिसे बाहर होना चाहिये
उसे अंदर करवाता है
जिसे अंदर होना चाहिये
उससे ही  अंदर करवाने
का धंधा करवाता है
तेरे काम तू ही जाने
मेरी समझ में वाकई
कुछ नहीं आता है
जिस दिन लिखने
के लिये कहीं कुछ
नजर नहीं आता है
ऊपर वाले तेरा ही
ख्याल आ जाता है
सबसे सही धंधा
तेरा ही चल रहा है
तभी तो तुझे ही बस
भगवान कहा जाता है !

सोमवार, 10 सितंबर 2012

एक संत आत्मा का जाना

जगन भाई
के इंतकाल
की खबर
जब
मगन जी
को सुनाई

सुनते ही
अगले की
आँखें
भर आई

बोले
अरे
बहुत संत
महापुरूष थे

ना कुछ खाते थे
ना कभी पीते थे

किसी से भी कभी

पंगा नहीं लेते थे

बीड़ी
सिगरेट शराब
तम्बाकू गाँजा प्रयोग करने
वाले अगर
उनकी
संगत में
कभी आ जाते थे

हफ्ता दस
दिन में ही
सब कुछ
त्याग कर
सामाजिक
हो जाते थे

अब आप
ही 
बताइये
ऎसे लोगों
का दुनिया
में लम्बे
समय
तक रहना
ऊपर वाले
से भी क्यों 

नहीं देखा
जाता है

इतनी कम
उम्र में
वो इनको
सीधा
 ऊपर
ही उठा
ले जाता है

तब हमने
मगन जी
को ढाँढस
बंधाया

प्यार से
कंधे में
हाथ
रख कर
उनको
समझाया

देखिये
ये सब
चीजें भी
ऊपर
वाला ही
तो यहाँ
ला ला
कर
फैलाता है

अगर
कोई इन
सब चीजों
का प्रयोग
नहीं कर
पाता है

खुद भी
नहीं खाता है
खाने वाले
को भी
रोकने
चला जाता है

हर
दूसरा आदमी
ऎसा ही
करने लग
जायेगा तो

ऊपर
वाले की
भी तो सोचो जरा
उसका तो
दो नम्बर
का धंधा
मंदा
हो जायेगा

इसलिये
ऎसे में
ऊपर वाला
आपे से
बाहर हो
जाता है

शरीफ
लोगों को
जल्दी ऊपर
उठा ले
जाता है
और
जो
करते
रहते है
प्रयोग
उल्टी सीधी
वस्तुओं का
दैनिक जीवन में
उनको एक
दीर्घ जीवन
प्रदान करके
अपने धंदे को
ऊपर बैठ
कर ही
रफ्तार देता
चला जाता है

यहाँ वाला
बस कानून
बनाता ही
रह जाता है ।