अमाँ ऊपर वाले
तेरे कमप्यूटर
का कार्यक्रम
क्या वाकई
ऊपर ही कहीं
बनाया जाता है
या यहीं नीचे से
कहीं से आयात
किया जाता है
या तो खुद ही तू
उसमें वायरस
भी डलवाता है
या कोई छोटा खुदा
तेरे वहाँ का ही
तेरे ऎंटी
वायरस
को ही बेच खाता है
शायद मेरे जैसा
तेरे यहाँ भी
ओने पौने दामों में
ही बेचा जाता है
जो तेरी सत्ता को
मानने से इंकार
कर ले जाता है
उसके लिये तेरा
कमप्यूटर
कुछ ना कुछ
जुगाड़ जरूर
कर ले जाता है
जो बताता है
तेरे कारोबार में
कहीं तो है कुछ
जो रोज ही
कहीं ना कहीं
इधर से उधर
किया जाता है
सारे के सारे लोग
तू एक से
क्यों बनाता है
इस के पीछे तेरी
क्या मंसा है
ये तो किसी
को
कभी नहीं बताता है
कुछ लोगों को तू ही
धंधे पर लगाता है
कुछ लोगों को
धंधा हो रहा
है
कि खबर दे
के आता है
कुछ ऎसे लोग
जिनके बारे में
तुझे कुछ कर
पायेंगे की नहीं
का
भरोसा नहीं
हो पाता है
उनके दिमाग में
कीडे़ डलवाता है
बिना मेहनताने के
उनसे पता नहीं
क्या क्या ऊल
जलूल लिखवाता है
दो चार को लिखा हुआ
देख के आने के लिऎ
कह भी आता है
ज्यादा लोगों को
धंधा चलने की
खबर भी नहीं
पहुंचाना चाहता है
उसके लिये कुछ
नौटंकी कुछ मजमों
के टेंट अलग अलग
जगह पर लगवाता है
ज्यादात्तर भीड़ को
उधर की तरफ ही
पहुँचा कर आता है
जिसे बाहर होना चाहिये
उसे अंदर करवाता है
जिसे अंदर होना चाहिये
उससे ही अंदर करवाने
का धंधा करवाता है
तेरे काम तू ही जाने
मेरी समझ में वाकई
कुछ नहीं आता है
जिस दिन लिखने
के लिये कहीं कुछ
नजर नहीं आता है
ऊपर वाले तेरा ही
ख्याल आ जाता है
सबसे सही धंधा
तेरा ही चल रहा है
तभी तो तुझे ही बस
भगवान कहा जाता
है !
अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
जवाब देंहटाएंआपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 06-09-2013 के .....सुबह सुबह तुम जागती हो: चर्चा मंच 1361 ....शुक्रवारीय अंक.... पर भी होगी!
सादर...!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 05-09-2013 के चर्चा मंच पर है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
धन्यवाद
सभी पाठकों को हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} परिवार की ओर से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
जवाब देंहटाएं--
सादर...!
ललित चाहार
शिक्षक दिवस और हरियाणा ब्लागर्स के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि ब्लॉग लेखकों को एक मंच आपके लिए । कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | यदि आप हरियाणा लेखक के है तो कॉमेंट्स या मेल में आपने ब्लॉग का यू.आर.एल. भेज ते समय लिखना ना भूलें ।
चर्चा हम-भी-जिद-के-पक्के-है -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-002
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गोरखधंधा !!!
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