ज़िंदगी
में
में
कितनी बार
मरे
कोई
कोई
बार बार
मर के
जिंदा
रहे
कोई
कोई
मरने के बाद
ज़न्नत की
बात करे
कोई
कोई
ज़न्नत
और
दोज़ख
ज़िंदा
ज़िंदा
रह कर
भोगे
कोई
कोई
मांगने
को
हिकारत से
देखे
कोई
कोई
फिर भी
ताज़िंदगी
मंगता रहे
कोई
कोई
एक
भिखारी
को कौड़ी
दे कर
कोई
कोई
कर्ण बनने
का दम
भरता
कोई
कोई
पैदा होते
दे दे
कहता
कोई
कोई
माँ बाप
बहन भाई
से
लेता
कोई
लेता
कोई
औरत बच्चे
झूठे सच्चे
से
मांगे
कोई
मांगे
कोई
मंदिर मस्जिद
चर्च गुरुद्वारा
झांके
कोई
कोई
बुड़ापे में जवानी
जवानी में रवानी
मांगे
कोई
कोई
मांगे मांगे
भिखारी
बन गया
कोई
कोई
फिर भी
भिखारी
को कौड़ी
दे कर
कोई
कोई
आता जाता
पीता खाता
खुशफहम
रहता कोई।