उलूक टाइम्स

सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

जानवर की खबर और आदमी की कबर




हथिनी के बच्चे का नहर में समाना
कोशिश पर कोशिश नहीं निकाल पाना
हताशा में चिंघाड़ना और चिल्लाना
हाथियों के झुंड का 
जंगल से निकल कर आ जाना
आते ही दो दलों में बट जाना
नहर में उतर कर बच्चे को धक्के लगाना
बच्चे का सकुशल बाहर आ जाना
हथिनी का बच्चे के बगल में आ जाना
हाथियों का सूंड में पानी भर कर लाना
बच्चे को नहलाकर वापस निकल जाना
पूरी कहानी का फिल्मी हो जाना
जंगली जीवन की सरलता के
जीवंत उदाहरण का सामने आ जाना
आपदा प्रबंधन का नायाब तरीका दिखा जाना
नजर हट कर 
अखबार के दूसरे कोने में जाना
आदमी की चीख किसी का भी ना सुन पाना
बच्चे के उसके मौत को गले लगाना
आपदा प्रबंधन का पावर पोइंट प्रेजेन्टेशन याद आ जाना
सरकार का 
लाश की कीमत कुछ हजार बताना
सांत्वना की चिट्ठी सार्वजनिक करवाना
मौत की जाँच पर कमेटी बिठाना
तरक्की पसंद आदमी की सोच का
जानवर हो जाना ।

चित्र साभार: https://www.upi.com/