उलूक टाइम्स

रविवार, 14 जून 2015

कोशिश कर घर में पहचान महानों में महान



एक खेत 
सौ दो सौ किसान 
किसी का हल किसी का बैल 
बबूल के बीज आम की दुकान 

जवानों में
बस 
वही जवान 
जिसके पास एक से निशान 

बंदूकें जंग 
खाई हुई 
उधार की गोलियाँ 
घोड़े दबाने के लिये अपने छोड़ 
सामने वाले कंधे को पहचान 

मुँह में
रामायण 
गीता बाईबिल और कुरान 
हाथ में गिलास बोतल में सामान 

अपने मुद्दे मुद्दे 
दूसरे के मुद्दे बे‌ईमान 
घर में लगे तो लगे आग पानी ले चल रेगिस्तान 

‘उलूक’
बंद रख 
नाक मुँह और कान 
अपनी अपनी ढपली अपने अपने गान 
जय जवान जय किसान ।

चित्र साभार: cybernag.in