ठंड से
जम गये
विचार आज
मौन हो गये
आकाश
में बादल
सामने
पहाडियों
पर बर्फबारी
कम तापमान
रजाई के अंदर
दिन भर
उछल कूद
फिर भी
गरमी की
हो रही है आज
विचारों को जरुरत
बेचारे
विचार भी
जानते हैं
कुछ अचार
की तरह
सब लोग छांट
लेते हैं उन्हें
अपनी सुविधा
अनुसार हमेशा
ज्यादातर होता
आया है यहां
बना के पेश
कर दी जाये
व्यंग रूपी
अगर खीर
लोग उसका
भी रूपांतरण
कर फेंकते हैं
तीखा तीर
ठंड में
रहने दिये
जाये विचार
कुछ देर
अचार भी
बनता है पक्का
कुछ समय छोड़
दिया जाये
अगर यूं ही
मर्तबान में ।
जम गये
विचार आज
मौन हो गये
आकाश
में बादल
सामने
पहाडियों
पर बर्फबारी
कम तापमान
रजाई के अंदर
दिन भर
उछल कूद
फिर भी
गरमी की
हो रही है आज
विचारों को जरुरत
बेचारे
विचार भी
जानते हैं
कुछ अचार
की तरह
सब लोग छांट
लेते हैं उन्हें
अपनी सुविधा
अनुसार हमेशा
ज्यादातर होता
आया है यहां
बना के पेश
कर दी जाये
व्यंग रूपी
अगर खीर
लोग उसका
भी रूपांतरण
कर फेंकते हैं
तीखा तीर
ठंड में
रहने दिये
जाये विचार
कुछ देर
अचार भी
बनता है पक्का
कुछ समय छोड़
दिया जाये
अगर यूं ही
मर्तबान में ।