पढ़ा लिखा
होने से
कुछ हो ना हो
आदमी
समझदार
बड़ा हो जाता है
कुछ नहीं कहता है
उसे
अपने मुँह पर
हैरीसन का
ताला लगाना
आ जाता है
सबसे
ज्यादा
होशियार पढ़ा लिखा
पढे़ लिखों
की एक
जमात का
कहने सुनने
की जिम्मेदारी
अपने आप
ही उठाता है
बिना
किसी से पूछे हुऎ
अपने
मन की
कहानियाँ
खुद ही
बनाता पकाता है
अखबार में
अपने वक्तव्य
पढे़ लिखों
की तरफ से
भिजवाता है
छपाता है
अखबार
वाला भी
पढे़ लिखों से
कुछ पूछने
नहीं आता है
पढे़ लिखों
की बाते हैं
सोच कर
कुछ भी
छाप ले जाता है
पढे़ लिखे
ने क्या कहा
उनको अखबार में
छपी खबर से ही
पता चल पाता है
पढ़ा लिखा
उसको
चश्मा लगा
कर पढ़ता है
इधर उधर
देखता है
कि उसे
पढ़ते हुऎ तो
कोई नहीं
देखता है
और सो जाता है
पढ़ा लिखा
सब्जी की
तरह होता है
बड़ी
मुश्किल से
पैदा हो पाता है
उसकी
तरफ से
बात को
कहने वाला
झाड़ की
माफिक होता है
कहीं भी
किसी मौसम में
बिना खाद के
उग जाता है
ऎसे
पढे़ लिखे को
आजकल
स्पोक्समैन
कहा जाता है ।
होने से
कुछ हो ना हो
आदमी
समझदार
बड़ा हो जाता है
कुछ नहीं कहता है
उसे
अपने मुँह पर
हैरीसन का
ताला लगाना
आ जाता है
सबसे
ज्यादा
होशियार पढ़ा लिखा
पढे़ लिखों
की एक
जमात का
कहने सुनने
की जिम्मेदारी
अपने आप
ही उठाता है
बिना
किसी से पूछे हुऎ
अपने
मन की
कहानियाँ
खुद ही
बनाता पकाता है
अखबार में
अपने वक्तव्य
पढे़ लिखों
की तरफ से
भिजवाता है
छपाता है
अखबार
वाला भी
पढे़ लिखों से
कुछ पूछने
नहीं आता है
पढे़ लिखों
की बाते हैं
सोच कर
कुछ भी
छाप ले जाता है
पढे़ लिखे
ने क्या कहा
उनको अखबार में
छपी खबर से ही
पता चल पाता है
पढ़ा लिखा
उसको
चश्मा लगा
कर पढ़ता है
इधर उधर
देखता है
कि उसे
पढ़ते हुऎ तो
कोई नहीं
देखता है
और सो जाता है
पढ़ा लिखा
सब्जी की
तरह होता है
बड़ी
मुश्किल से
पैदा हो पाता है
उसकी
तरफ से
बात को
कहने वाला
झाड़ की
माफिक होता है
कहीं भी
किसी मौसम में
बिना खाद के
उग जाता है
ऎसे
पढे़ लिखे को
आजकल
स्पोक्समैन
कहा जाता है ।
...मैं भी खासा पढ़ा-लिखा हूँ,पर मुँह में ताला मारना नहीं आता
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (11-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
♥ !! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !! ♥
आज साइकिल की कई, टूट गईं इ'स्पोक्स |
जवाब देंहटाएंथोड़ी चोरी कीजिये, नहीं निकालूं नुक्श |
नहीं निकालूं नुक्श, सफाई भी थी गड़बड़ |
मियां राम गोपाल, पाल लेता इक बड़ बड़ |
ऐसे बड़ बड़ लोग, संभाले बातें कातिल की |
यही मैन इ'स्पोक्स, जरुरत है सैकिल की ||
सही कहा.. कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंलाजवाब!
जवाब देंहटाएंजय श्रीकृष्ण!
बहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंतिस पर तुर्रा यह खरपतवार सा पढ़ (पढ़ा लिखा )अपढ़, दुर्मुख दिग्विजय हो जाता हैसमझे अपने को सब विद्याओं का चाचा ,राम देव का ताऊ .,कृष्ण - बाल का फूफा .कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंशनिवार, 11 अगस्त 2012
Shoulder ,Arm Hand Problems -The Chiropractic Approachhttp://veerubhai1947.blogspot.com/