सपने भी
देखिये ना
कितने अजब
गजब सी चीजें
दिखाते हैं
जो कहीं
नहीं होता
ऎसी अजीब
चीजें पता नहीं
कहाँ कहाँ से
उठा कर लाते हैं
कल रात का
सपना कुछ
कुछ रहा है याद
अब किसी को
कैसे बतायेंं ये
अजीब सी बात
एक शहर जैसा
सपने में कहीं
नजर आ रहा था
घुसते ही
'ब्लाग नगर' का
बडा़ सा बोर्ड
दिखा रहा था
अंदर घुसे तो
जलसे जलूस
इधर उधर
जा रहे थे
ब्लाग काँग्रेस
ब्लाग सपा
जैसे झंडे
लहरा रहे थे
कुछ ब्लागर
कम्यूनिस्ट हैं
करके भी
समझा रहे थे
खेल का मैदान
भी दिखा जहाँ
ब्लाग ब्लाग का
खेल एक खेला
जा रहा था
टिप्पणियों का
होता है स्कोर
उस पर होती है
जीत और हार
ऎसा स्कोरबोर्ड
बता रहा था
हंसी आ रही थी
सुन सुन कर
जब सुना एक
ब्लागर ब्लाग
फिक्सिंग
करवा रहा था
टिप्पणियाँ किसी
ब्लाग की किसी
और को दे
आ रहा था
उसकी रिपोर्ट
करने दूसरा
ब्लागर ब्लाग थाने
में जा रहा था
ब्लाग पुलिस
को लाकर
घटनाक्रम की
एफ आई आर
की पोस्ट की
कापी बना
रहा था
आगे इसके
क्या हुआ
पता ही नहीं
चल पा रहा था
घड़ी का अलार्म
सुबह हो गयी
का बहुत शोर
मचा रहा था
सामने खड़ी
बिस्तरे के
श्रीमती मेरी
पूछ रही थी
मुझसे कि
तू सपने में
बाघ बाघ
जैसा क्यों
चिल्ला रहा था ।
देखिये ना
कितने अजब
गजब सी चीजें
दिखाते हैं
जो कहीं
नहीं होता
ऎसी अजीब
चीजें पता नहीं
कहाँ कहाँ से
उठा कर लाते हैं
कल रात का
सपना कुछ
कुछ रहा है याद
अब किसी को
कैसे बतायेंं ये
अजीब सी बात
एक शहर जैसा
सपने में कहीं
नजर आ रहा था
घुसते ही
'ब्लाग नगर' का
बडा़ सा बोर्ड
दिखा रहा था
अंदर घुसे तो
जलसे जलूस
इधर उधर
जा रहे थे
ब्लाग काँग्रेस
ब्लाग सपा
जैसे झंडे
लहरा रहे थे
कुछ ब्लागर
कम्यूनिस्ट हैं
करके भी
समझा रहे थे
खेल का मैदान
भी दिखा जहाँ
ब्लाग ब्लाग का
खेल एक खेला
जा रहा था
टिप्पणियों का
होता है स्कोर
उस पर होती है
जीत और हार
ऎसा स्कोरबोर्ड
बता रहा था
हंसी आ रही थी
सुन सुन कर
जब सुना एक
ब्लागर ब्लाग
फिक्सिंग
करवा रहा था
टिप्पणियाँ किसी
ब्लाग की किसी
और को दे
आ रहा था
उसकी रिपोर्ट
करने दूसरा
ब्लागर ब्लाग थाने
में जा रहा था
ब्लाग पुलिस
को लाकर
घटनाक्रम की
एफ आई आर
की पोस्ट की
कापी बना
रहा था
आगे इसके
क्या हुआ
पता ही नहीं
चल पा रहा था
घड़ी का अलार्म
सुबह हो गयी
का बहुत शोर
मचा रहा था
सामने खड़ी
बिस्तरे के
श्रीमती मेरी
पूछ रही थी
मुझसे कि
तू सपने में
बाघ बाघ
जैसा क्यों
चिल्ला रहा था ।
सुन्दर सत्यम शिवम् सा, स्वप्न सुशील सकाळ |
जवाब देंहटाएंनंदी सींगें मारता, नाग दिखे विकराल |
नाग दिखे विकराल, चंद्रमा साधू ढोंगी |
समझ अहिल्या चाल, भगाया जोगी भोगी |
शंकर संग त्रिशूल, भूल से हाथ लगाया |
बाघम्बर सा ब्लॉग, हमारे मन को भाया ||
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (18-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत अच्छी प्रस्तुति!...
जवाब देंहटाएंसामने खड़ी बिस्तरे के
जवाब देंहटाएंश्रीमती मेरी पूछ रही थी मुझसे
कि तू सपने में बाघ बाघ
जैसा क्यों चिल्ला रहा था !!
तो कह देते आप कि:-
बाघ नहीं ये ब्लॉग ब्लॉग है ब्लॉग ब्लॉग ............
ब्लॉग ब्लॉग ब्लॉग ,तड.तड़ाक तड़ तड़ाक तड तड़ाक ,सौ नंबर आन पड़ा धडाक .....क्या बात है भाई साहब उलूक टाइम्स कमाल कर रिया है ,अंगौछा छाप लड़ाई को ,बे -नकाब कर रिया अ , ,....तलाऊ (तालाब )पे चल न तब बताउंगा ,तुझे टिपियाना समझाउँगा,कोई व्यंजना नहीं ,स्साले तड तड़ाक भई तड तड़ाक ,......यहाँ भी पधारें
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों ?
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ सपने में,आपने लड़ा नही चुनाव
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग करना छोड़कर,आजाते नेता के भाव,,,,,
बहुत अच्छी प्रस्तुति!...
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ...
जवाब देंहटाएंसपने में भी ब्लॉग जगत पीछा नहीं छोड़ता।
वाह ... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंना कविता लिखता हूँ
जवाब देंहटाएंना कोई छंद लिखता हूँ
अपने आसपास पड़े हुऎ
कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ !
इससे अच्छी कविता और क्या होगी महाराज ! बधाई और आपकी मज़बूत कलम के लिए शुभकामनायें !
हाहाहा .... राम राम करते करते मैं भी कभी कभी मरा मरा करने लगी .... संगत से गुण जात हैं
जवाब देंहटाएंसच! बहुत सटीक तस्वीर उतारी है आपने ब्लॉग्स की ! हमने तो अभी नया-नया ब्लॉग ही शुरू किया है...लेकिन आपकी खींची तस्वीर जैसा कुछ-कुछ महसूस होने लगा है..! हमसे कुछ लोगों ने कहा भी था कि...ब्लॉगिंग में भी अब फसेबुक जैसे लाइक्स की होड़ और लेन देन होने लगा है, मगर हमारा दिल नहीं मानता था..! अब लगता है जैसे ...यहाँ भी ट्रॅफिक जाम हो रहा है ...!
जवाब देंहटाएंसच्चे और दिल से पढ़ने वाले मिल जाएँ...बस समझ लें लिखना धन्य हो गया!
हाँ! एक बात बोलना भूल गये...आप हमारे ब्लॉग में आए, अपना क़ीमती वक़्त दिया...उसके लिए तहे दिल से धन्यवाद व आभार! आगे भी ऐसे ही प्रोत्साहन देते रहिएगा..बस यही प्रार्थना है!
~सादर!!!
सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों पर कसाव दार व्यंजना बहुत खूब हैं भाव -विचार -कणिकाएं ,मेरा भाव ,तेरा भाव ,उसका भाव ,........राष्ट्र -अभाव सिंड्रोम .
जवाब देंहटाएंये भाई साहब हमारी टिप्पणियाँ कौन उड़ा रहा है ,इसके एवज में क्या पा रहा है ,क्या स्पैम बक्सा ही फिक्सिंग करा रहा है .तीसरी बार हम इधर आ रिया है ....
ब्लाग है या बाघ है बढ़िया प्रस्तुति ब्लॉग चालीसा की ...जय जय जय श्री ब्लॉग गुसाईं कृपया करो महाराज ,लेकर राम का नाम, करो युद्ध विराम ....
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों
बाघ से कम नहीं ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विवेचना ..