हर तीसरे साल
के बाद बदल दिया
जाता रहा है
मेरी सस्ते गल्ले की
दुकान का मालिक
बात है ना मजेदार
उसके बाद चाहे तो भी
रुक नहीं पाता है
कोई भी हो ठेकेदार
बहुत समय से जबकी
लग जाते हैं इस काम में
लोग सपरिवार
दुकान का ठेका
उठाना चाह कर भी
नहीं हो पाते हैं
सफल हर बार
कोशिश करते ही
रह जाते हैं बेचारे
छोटे किटकिनदार
सरकार के काम
करने के सरकारी
तरीके को खुद कहाँ
जानती है सरकार
कुछ ऎसा ही एक
नजारा देखने में
आया है इस बार
एक बादल बेकार
नाराज हो कर
फट गया जा कर
एक कोने में
कहीं सपरिवार
ठेका देने वाले को
खुद उठाना पड़ा
एक कटोरा और
जाना पड़ गया
दिल्ली दरबार
प्रश्न गंभीर हो गया
अचानक
कौन चलायेगा
इस दुकान
को इस बार
आपदा की
इस घड़ी में
कौन ढूँढने जाता
एक सस्ते गल्ले की
दुकान के लिये
एक अदद ठेकेदार
मजबूरी में तंत्र
हुआ बेचारा लाचार
पकड़ लाया एक
पकौड़ी वाला जो
बेच रहा था
आजकल
कहीं पर
अपने ही अचार
कहा है उससे
जब तक हम
देते नहीं
दुकान को
एक अपना
ठेकेदार
तुझे ही
उठाना है
गिराना है
शटर इसका
पर पकाना
नहीं पकौड़े यहाँ
नहीं आना
चाहिये ऎसा
कोई अखबार
में समाचार ।
के बाद बदल दिया
जाता रहा है
मेरी सस्ते गल्ले की
दुकान का मालिक
बात है ना मजेदार
उसके बाद चाहे तो भी
रुक नहीं पाता है
कोई भी हो ठेकेदार
बहुत समय से जबकी
लग जाते हैं इस काम में
लोग सपरिवार
दुकान का ठेका
उठाना चाह कर भी
नहीं हो पाते हैं
सफल हर बार
कोशिश करते ही
रह जाते हैं बेचारे
छोटे किटकिनदार
सरकार के काम
करने के सरकारी
तरीके को खुद कहाँ
जानती है सरकार
कुछ ऎसा ही एक
नजारा देखने में
आया है इस बार
एक बादल बेकार
नाराज हो कर
फट गया जा कर
एक कोने में
कहीं सपरिवार
ठेका देने वाले को
खुद उठाना पड़ा
एक कटोरा और
जाना पड़ गया
दिल्ली दरबार
प्रश्न गंभीर हो गया
अचानक
कौन चलायेगा
इस दुकान
को इस बार
आपदा की
इस घड़ी में
कौन ढूँढने जाता
एक सस्ते गल्ले की
दुकान के लिये
एक अदद ठेकेदार
मजबूरी में तंत्र
हुआ बेचारा लाचार
पकड़ लाया एक
पकौड़ी वाला जो
बेच रहा था
आजकल
कहीं पर
अपने ही अचार
कहा है उससे
जब तक हम
देते नहीं
दुकान को
एक अपना
ठेकेदार
तुझे ही
उठाना है
गिराना है
शटर इसका
पर पकाना
नहीं पकौड़े यहाँ
नहीं आना
चाहिये ऎसा
कोई अखबार
में समाचार ।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंRECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक व्यंग्य भाई साहब पकौड़े की दूकान और शटर गिवाने का शातिर करवातें हैं काम ,वाह क्या बात है . साइंस ब्लॉग खुल नहीं रहा था बहुत समय से टिप्पणीकारों का शुक्रिया करना बकाया है ,शुक्रिया भाई बड़े दिनों से यह लिंक खुल नहीं रहा था सो आपका शुक्रिया भी अदा न कर सके .
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, 9 अगस्त 2012
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
ram ram bhai
http://veerubhai1947.blogspot.com/
सरकारी सस्ते गल्ले की दूकान ,ऊंची दूकान फीके पकवान ,शटर गिरवाता बंद करवाता ,एक शातिर पहलवान ,काठ की हंडिया है भाई चढ़ती है तीन साल में एक बार ,चौथी बार लोग सिर पे फोड़ देतें हैं .राम देव को नहीं पहचानतें हैं कुछ मम्मी जी के पूडल महान .गनीमत है वेद चार ही हैं वरना ये दिव्वेदी, चतुर्वेदी पञ्च वेदी हो जाते .
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, 9 अगस्त 2012
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
ram ram bhai
http://veerubhai1947.blogspot.com/
सरकारी सस्ते गल्ले की दूकान ,ऊंची दूकान फीके पकवान ,शटर गिरवाता बंद करवाता ,एक शातिर पहलवान ,काठ की हंडिया है भाई चढ़ती है तीन साल में एक बार ,चौथी बार लोग सिर पे फोड़ देतें हैं .राम देव को नहीं पहचानतें हैं कुछ मम्मी जी के पूडल महान .गनीमत है वेद चार ही हैं वरना ये दिव्वेदी, चतुर्वेदी पञ्च वेदी हो जाते .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शुक्रवार, 10 अगस्त 2012
काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा में है ब्लड प्रेशर का समाधान
काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा में है ब्लड प्रेशर का समाधान
ram ram bhai
सटीक कटा़क् । बधाई।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंजय श्री कृष्ण ||