लिख लिख
और लिख
लिखता ही
चला जा
पर तुझे वो कुछ
नहीं है पता
जो मुझको है पता
बस लिखने से
नहीं होने वाला है
तेरा कुछ भला
इन चार लोगों की
दी हुई टिप्पणियों
पर मत इतरा
कुछ मेरी भी
कभी सुनता जा
कुछ करना ही
चाहता है तो
जूते नये ब्राँडेड
लेकर आ
पालिश लगा
कर चमका
ऎसा एक ही दिन
नहीं करना है
समझ जा
इसे अपनी
रोज की
एक आदत बना
कोट की जेब
वो भी ऊपर वाली
में सफेद रुमाल भी
एक अटका
जरा सा धूल
नजर आये
कहीं भी जूते पर
तो थोड़ा रुक जा
रुमाल फिरा
और जूता चमका
व्यक्तित्व की
एक झलक होता है
किसी का
चमकता हुआ जूता
हींग लगे ना फिटकरी
सबसे सस्ता भी
होता है ये तरीका
जूते पर
कर भरोसा
अब भी समय है
समझ जा
लिखने को
मत आजमा
किसी को नहीं
आता है
तेरे लिखे में
कोई मजा
एक बार अपनी
श्रीमती के
कहने को
भी तो आजमा
फिर देख
कैसे उठता है
लोगों के
दिल से धुआँ ।
और लिख
लिखता ही
चला जा
पर तुझे वो कुछ
नहीं है पता
जो मुझको है पता
बस लिखने से
नहीं होने वाला है
तेरा कुछ भला
इन चार लोगों की
दी हुई टिप्पणियों
पर मत इतरा
कुछ मेरी भी
कभी सुनता जा
कुछ करना ही
चाहता है तो
जूते नये ब्राँडेड
लेकर आ
पालिश लगा
कर चमका
ऎसा एक ही दिन
नहीं करना है
समझ जा
इसे अपनी
रोज की
एक आदत बना
कोट की जेब
वो भी ऊपर वाली
में सफेद रुमाल भी
एक अटका
जरा सा धूल
नजर आये
कहीं भी जूते पर
तो थोड़ा रुक जा
रुमाल फिरा
और जूता चमका
व्यक्तित्व की
एक झलक होता है
किसी का
चमकता हुआ जूता
हींग लगे ना फिटकरी
सबसे सस्ता भी
होता है ये तरीका
जूते पर
कर भरोसा
अब भी समय है
समझ जा
लिखने को
मत आजमा
किसी को नहीं
आता है
तेरे लिखे में
कोई मजा
एक बार अपनी
श्रीमती के
कहने को
भी तो आजमा
फिर देख
कैसे उठता है
लोगों के
दिल से धुआँ ।
वाह वाह क्या बात है, दखलंदाजी वाह |
जवाब देंहटाएंकलम कहानी छोड़ के , जूते की परवाह |
जूते की परवाह, कीजिये पालिश हरदिन |
चलते चलते राह, झाड़िए गर्दा मुमकिन |
आदर पाओ खूब, रोब फिर देखो साजन |
ईर्ष्या में जन डूब , करेंगे दुश्मन रोदन ||
श्रीमती जी सही फरमा रही है शायद अजमाकर तो देखो..
जवाब देंहटाएंहमारे लिए तो लिखते रहिए..पर उनके लिए चमकदार जूता पहनिए...
जवाब देंहटाएंसही सलाह एक बार आजमाकर के तो देखे,सिर्फ पालिश ही तो करनी है,,,,,
जवाब देंहटाएंबढिया है....
जवाब देंहटाएं............
कितनी बदल रही है हिन्दी !
श्रीमति जी क़ी टिप्पणी बहुत
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण होती है ....