उलूक टाइम्स: बापू आजा झाड़ू लगाने जन्मदिन के दिन बहुत सा कूड़ा कूड़ा हो गया

गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014

बापू आजा झाड़ू लगाने जन्मदिन के दिन बहुत सा कूड़ा कूड़ा हो गया

बापू तेरा भी था
आज जन्मदिन
और मेरा भी
हर साल होता था
इस साल भी हो गया

पिछले सालों में
कभी भी नहीं
हो पाया वैसा

जैसा आज
कुछ कुछ ही नहीं
बहुत कुछ होना
जैसा हो गया

बापू तेरा हुआ
होगा कभी
या नहीं भी
हुआ होगा

पर मेरा दिल तो
आज क्या बताऊँ तुझे
झिझक रहा हूँ बताने में
झाड़ू झाड़ू होते होते
पूरा का पूरा बस
झाड़ूमय हो गया

झाडू‌ लगाती थी
कामवाली घर पर
रोज ही लगाती थी
मेरे घर का कूड़ा
बगल के घर की  

गली में सँभाल कर

भी जरूर आती थी

झाड़ू देने वाली
नगरपालिका की
दिहाड़ी मजदूर
अपने वेतन से बस
झाड़ू ही तो एक
खरीद पाती थी

झाड़ू क्राँति के
आ जाने से उसका
भी लगता है कुछ
जीने का मकसद
कम से कम आज
तो हो ही गया

झाड़ू उसके हाथ का
तेरे नाम पर आज
लगता है जैसे एक
स्वतंत्रता की जंग
करता हुआ यहाँ
तक पहुँच कर
शहीद हो गया

केजरीवाल नहीं
भुना पाया झाड़ू को
झाड़ू सोच सोचकर
भी कई सालों तक

गलती कहाँ हुई थी
उससे आज बहुत
बारीकी से देखने से
उसे भी लगता है
कुछ ना कुछ
महसूस हो गया

छाती पीट रहा होगा
आज नोचते हुऐ
अपने सिर के बालों को

झाड़ू नीचे करने के
बदले हाथ में लेकर
ऊपर को करके
क्यों खड़ा हो गया

चिंतन करना ये तो
अब वाकई बहुत ही
जरूरी जैसा हो गया

बहुत सी चीजें काम
की हैं कुछ ही के लिये
और बेकाम की
हैं सबके लिये

ये सोचना अब
सही बिल्कुल भी
नहीं रह गया

इस साल दायें
हाथ में झाड़ू ने
दिखाया है कमाल

अगले साल देख लेना
बापू तेरा लोटा भी
लोगों के शौचालय
से निकल कर

बेपेंदी लुढ़कना छोड़
बायें हाथ में आकर
आदमी के
झाड़ू की तरह
झाड़ू के साथ
कंधे से कंधा मिला
कर आदमी का
एक नेता हो गया

जो भी हुआ है
अच्छा हुआ है
बाहर की सफाई
धुलाई के लिये

‘उलूक’ तेरे लिये
अपने अंदर की
गंदगी को सफाई से
अपने अंदर ही
छुपा के रख लेने का
एक और अच्छा
जुगाड़ जरूर हो गया

बापू तू अपने चश्में
और लाठी का रखना
सावधानी से
अब खयाल
और मत कह बैठना
अगले ही साल
चुरा लिया किसी
बहुत बड़े ने
बड़ी होशियार से

और तू चोर चोर
चिल्लाने के लायक
भी नहीं रह गया ।

चित्र साभार: http://vedvyazz.blogspot.in/2011/01/of-service-and-servitude_17.html

11 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    बहुत बड़ा सफाई का काम किया है बापू ने
    अंग्रेजों का सफाया किया...
    66 साल कचरा फैलाते रहे
    अब फिर सफाई पसंद आगया
    साथ दीजिये
    मनोबल बढ़ाइये उसका
    सादर

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  2. आपकी लिखी रचना शनिवार 04 अक्टूबर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (04-10-2014) को "अधम रावण जलाया जायेगा" (चर्चा मंच-१७५६) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    विजयादशमी (दशहरा) की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. थोड़ा लेट हो गया ।
    लेकिन विलम्ब से ही सही।
    --
    आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    ब्ल़गिंग में आप गान्धी से कम नहीं हो।

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  5. विजयादशमी-पर्व की हार्दिक वधाई !
    राम करे रावण मर जाए !
    मानवता जी भर सुख पाए !!
    अच्छा प्रस्तुती करण !एक मजेदार गम्भीर व्यंग्य !

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  6. विजयादशमी-पर्व की हार्दिक वधाई भैया .....बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  7. नमस्कार !
    बहुत सुन्दर रचना
    आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा !
    मै आपके ब्लॉग को फॉलो कर रहा हूँ
    मेरा आपसे अनुरोध है की कृपया मेरे ब्लॉग पर आये और फॉलो करें और अपने सुझाव दे !

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  8. सुशील जी एक लम्बी रचना किन्तु कई बिंदु बहुत ही सार्थक उठाये
    जैसे एक ........केजरी को झाड़ू का ऊपर की ओर पकड़ना भारी पड़ गया
    बधाई आपकी सोच और चिंतन के लिए ......
    और जहां तक जन्मदिन कि बात समझ आई तो देर से ही सही आपको भी बधाई

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