पिछले महीने से
निकल रहे हैं जलूस मेरे शहर में
क्यों निकल रहे हैं
कोई पूछने वाला नहीं है
ना ही कोई अखबार में कोई खबर है
जिलाधीश भी सो रहा है
थानेदार भी बहुत होशियार है
निमंत्रण मिला है
मुजफ्फर नगर काण्ड के
खलनायकों पर बहस करने का
बहुत पुरानी बात हो गई है सुनने को
अभी की बात को कौन तैयार है
नहीं देखा मंजर इस तरह का
अभी तक की जिंदगी में कभी
लोग कह रहे हैं अच्छे दिन हैं अच्छी बयार है
बुलाया गया है निमंत्रण भी है
मुजफ्फर नगर काण्ड के खलनायक
व उत्तराखण्ड पर बहस के लिये
व उत्तराखण्ड पर बहस के लिये
बतायें जरा अपने घर के काण्डों पर
बात करने को कौन तैयार है
माना कि ‘उलूक’
को अंधों मे गिना जाता है
फिर भी दिखता है
कोने से कहीं उसको भी कुछ
कहना ही है मानकर
कि कहना है और कहना भी बेकार है।
चित्र साभार: www.anninvitation.com
बहुत सुंदर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : तलाश आम आदमी की
अपने ब्लॉगर.कॉम ( www.blogger.com ) के हिन्दी ब्लॉग का एसईओ ( SEO ) करवायें, वो भी कम दाम में। सादर।।
जवाब देंहटाएंटेकनेट सर्फ | TechNet Surf
दिखता है सबको मगर झमेला समझ चुपचाप सब देखते है मूक होकर ....बहुत बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंआपको जन्मदिन के शुभावसर पर स्वस्थ,दीर्घायु और यशस्वी जीवन की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
sach likhe aap hr koi dekh ke bhi andekha kr jata hai.
जवाब देंहटाएंआज का यही दस्तूर है...बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सटीक, जन्मदिन की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएं