नाम से लिखने पर बबाला हो जाता है
इस और उस से काम चलाया जाये तो क्या जाता है
अंधे देख रहे हैं अपने अपनो के कामों को
कुछ कहना हो तो बहुत ही सोचना पड़ जाता है
वैसे भी चम्मचें फैली हुई हैं इंटरनेट की दुनियाँ में
गरीब और उसकी सोच पर बात करने वाला
सबसे बड़ा पागल एक हो जाता है
टी वी पर बहस देखिये
इसका भी होता है उसका भी होता है
देखने वाले पागलों को क्या कहा जाता है
बूंद बूंद से भरता है घड़ा
यही बताया यही समझाया भी जाता है
बूंद पाप की होती है बहुत छोटी सी
उसको अंदेखा करना अभिमन्यू की तरह
पेट के अंदर ही सिखाया जाता है
नाम नहीं ले रहा हूँ उसका घिन आती है
ओले पकड़ने के लिये खेतों में क्यों नहीं जाता है
उसकी बात कही है मैंने
तेरी समझ में आ गया होगा मेरी समझ में भी आता है
तेरी समझ में आ गया होगा मेरी समझ में भी आता है
कुछ कहने की हिम्मत नहीं है तुझ में
तेरे को क्या मतलब है
चमचे
तुझे तो उसके लिये देश को रौंदना
चमचे
तुझे तो उसके लिये देश को रौंदना
अच्छी तरह आता है ।
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