उलूक टाइम्स: ये
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शनिवार, 20 जून 2015

बता भी दे करेगा या नहीं अखबार में नहीं छापा जायेगा


सब करने वाले हैं
क्या तेरा भी करने का इरादा है

बहुत काम की चीज होती है
करने में फायदा ही फायदा है
नहीं करेगा नुकसान में रहेगा
पता चल गया उसे नहीं किया करके
किसी और बात में परेशान करेगा

कर क्यों नहीं लेता कर ले
सारा संसार ही करने वाला है

बाहर नहीं करने की इच्छा है कोई बात नहीं
कोई कोई तो आकाश में हवाई जहाज में तक करने वाला है
समुद्र में पानी के जहाजों में भी किया जायेगा
जमीन आसमान में तो होगा ही होगा
कोई घुस पाया जमीन के अंदर
तो पाताल में तक किया जायेगा

अभी ये करने की बात हो रही है
इसके बाद फिर वो करने के लिये भी कहा जायेगा

आज कर लेगा तभी प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा
नहीं करेगा ‘उलूक’
पेड़ों की टहनियों पत्तियों में नाम लिख दिया जायेगा

अगली बार जब वो किया जायेगा
तब ये नहीं किया करके वो भी नहीं करने दिया जायेगा

अभी भी समय है सोच ले
सब कुछ तो करता ही है क्या नहीं करता है
इसे करने में कौन सा बदनाम हो जायेगा ।

चित्र साभार: mystiquesadvice.blogspot.com

बुधवार, 29 अप्रैल 2015

इसका और उसका रहने दे ना देश सुना है जलजले से दस फिट खिसका है किसका क्या जाता है


नाम से लिखने पर बबाला हो जाता है 
इस और उस से काम चलाया जाये तो क्या जाता है 

अंधे देख रहे हैं अपने अपनो के कामों को 
कुछ कहना हो तो बहुत ही सोचना पड़ जाता है 

वैसे भी चम्मचें फैली हुई हैं इंटरनेट की दुनियाँ में 
गरीब और उसकी सोच पर बात करने वाला 
सबसे बड़ा पागल एक हो जाता है 

टी वी पर बहस देखिये 
इसका भी होता है उसका भी होता है 
देखने वाले पागलों को क्या कहा जाता है 

बूंद बूंद से भरता है घड़ा
यही बताया यही समझाया भी जाता है 
बूंद पाप की होती है बहुत छोटी सी 
उसको अंदेखा करना अभिमन्यू की तरह 
पेट के अंदर ही सिखाया जाता है 

नाम नहीं ले रहा हूँ उसका घिन आती है 
ओले पकड़ने के लिये खेतों में क्यों नहीं जाता है 
उसकी बात कही है मैंने
तेरी समझ में आ गया होगा मेरी समझ में भी आता है 

कुछ कहने की हिम्मत नहीं है तुझ में 
तेरे को क्या मतलब है

चमचे
तुझे तो उसके लिये देश को रौंदना 
अच्छी तरह आता है ।

चित्र साभार: www.123rf.com

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2015

दो चार दिन और पश्चिमी विक्षोभ पूरब पर भारी रहेगा

जरूरी है
क्या जीतना
हार भी गया
तब भी
क्या होगा
एक तो
पक्का हारेगा
और एक
जीतेगा भी
एक बीच में
रह कर
तमाशा भी देखेगा
उसके बाद
कुछ होगा
या नहीं होगा
ये किसी को
भी पता नहीं होगा
ये बस आज ही
की बात नहीं है
जब से शुरु हुआ है
हारना और जीतना
तब से लगता रहा है
कुछ ऐसा ही होगा
ऐसा नहीं भी होगा
तो वैसा जरूर होगा
जीतने वाला बहुत
समझदार होगा
हारने वाला
बेवकूफ होगा
जिताने वाले के पास
बड़ा दिमाग होगा
हराने वाले के पास
हरा दिमाग होगा
बड़ा दिमाग कब
हरा दिमाग होगा
और हरा दिमाग कब
बड़ा दिमाग होगा
ये किसे पता होगा
इसे पता करना ही
बहुत बड़ा काम होगा
हर बार की तरह
इस बार भी होगा
एक ने जीतना होगा
एक ने हारना होगा
जिताने वाले के
पास इनाम होगा
हराने वाले के
पास इनाम होगा
हारना जीतना पहली नहीं
पिछली कई बार की तरह
ही इस बार भी होगा
बस देखना इतना ही है
जो होता आ रहा है
इस देश में
क्या वही इस बार होगा
वही होता रहेगा
और हर बार होगा
तेरा क्या होगा
तुझे मालूम होगा
मेरा क्या होगा
उसे मालूम होगा
उसका क्या होगा
किस को पता होगा
कहने वाला कह रहा है
इस समय भी
कुछ ना कुछ
उस समय भी
कुछ ना कुछ
कह रहा होगा
तेरा देश तेरा रहेगा
मेरा देश मेरा रहेगा
ये रहेगा तो ये करेगा
वो रहेगा तो वो करेगा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
हमसे कहो कहने के लिये
ये भी कहेगा और
वो भी कहेगा ।

चित्र साभार: clipartof.com

शनिवार, 21 जुलाई 2012

आज कुछ नहीं है

आप
कुछ भी
कह कर
के देखो
वो उस पर
कुछ कुछ
कह ही
जाते हैं

कुछ
जनाब
कुछ भी
हो जाये
कुछ नहीं
कह कर
जाते हैं

कुछ को
हमेशा
कुछ ना
कुछ होता
रहता है

कुछ ने
देखा नहीं
कुछ कहीं
कुछ कुछ
होना उनको
शुरु होता है

कुछ हुआ
है या नहीं
कुछ को
कुछ तो
जरूर पता
होता है

जाकर
देखना
पड़ता है
कुछ इस
सब के लिये
कुछ ना कुछ
कुछ जगह
पक्का ही
लिखा होता है

कुछ नहीं
भी हो कहीं
तो भी
क्या होता है

कुछ हो
जाता है
अगर तब
भी कौन
सा कुछ
होता है

कुछ होने
या ना
होने से
कुछ
बहुत कुछ
कहने से
बच जाते है

कुछ
कहूंगा
पक्का
सोचते हैं
पर कुछ
कहने से
पहले ही
कुछ भ्रमित
हो जाते हैं

कुछ
आते हैं
कुछ
जाते है
कुछ
पढ़ते हैं
कुछ
लिखते हैं

कुछ
कुछ
भी नहीं
करते हैं

बस कुछ
करने
वालों
से कुछ
दुखी हो
जाते हैं

कुछ दिन
कुछ नहीं
करते हैं

कुछ  दिन
बाद फिर
कुछ कुछ
करना शुरू
हो जाते हैं ।