एक बहुत बड़ी बात है सरकार
उसके बाद भी किसी और का आदमी होना ही होता है
नहीं हो पाया है अगर कोई तो उसका जीना ही होता है बेकार
अपने नाम से अपने काम से अगर जाना जा रहा है कोई
समझ लेना अच्छी तरह किसी काम में कहीं नहीं लगाया जा रहा है
भटक रहा है जैसे होता है एक बेरोजगार
कुछ भी नहीं हाथ में आयेगा इस जीवन में
व्यर्थ में चला जायेगा इस पार से कभी किसी दिन उस पार
एक आदमी कहीं ना कहीं होता ही है किसी ना किसी का आदमी
ऊपर से नीचे तक अगर देखता चला जायेगा
नीचे वाला किसका है साफ पता चल जायेगा
सबसे ऊपर वाला किसका है आदमी
बस यही बात बताने के लिये
बस यही बात बताने के लिये
कोई भी नहीं मिल पायेगा
समय रहते पानी का देखता हुआ बहाव
तैरना सीख ही लेता है आज का एक समझदार
निभाता क्यों नहीं ‘उलूक’ तू भी किसी
एक इसी तरह के एक आदमी का किरदार
कल जब उसकी आ जायेगी सरकार
तुझे क्या लेना और देना वो वहाँ क्या करता है
तुझे मालूम है तेरा यहाँ रहेगा अपना ही कारोबार
खाली आदमी होने में और किसी आदमी के आदमी होने में
अंतर है बहुत बड़ा समझाया जा चुका है एक नहीं कई कई बार
बाकी रही तेरी और तेरे देश की किस्मत
सादर अभिवादन...
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया...
आज की रचना
खुद ही
अपने आप में
एक सुन्दर सी
प्रतिक्रिया है
क्यों मैं
सूरज की रोशनी को
दिया दिखाउँ
कुल मिला कर
रविवार की हलचल में
आपकी रचना रहेगी
आपकी लिखी रचना रविवार 27 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
किसकी होगी लाठी और भैंस - देखते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (26-04-2014) को ""मन की बात" (चर्चा मंच-1594) (चर्चा मंच-1587) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया प्रस्तुति सर , धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंसबके अपने अपने आदमी
जवाब देंहटाएंलेकिन आदमी बने रहना बहुत मुश्किल है ..
बहुत खूब!
अब लोग भी(आदमी)ठप्पेवाले होने लगे हैं -कभी उसके ,कभी इसके -जैसे पशुओं की पहचान बना दी जाती है न!
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