तोते कई तरह के पाये जाते है
कई रंगों में कई प्रकार के
कुछ छोटे कुछ बहुत ही बड़े
तोतों का कहा हुआ तोते ही समझ पाते हैं
हरे तोते पीले तोते की बात समझते हैं
या पीले पीले की बातों पर अपना ध्यान लगाते हैं
तोतों को समझने वाले ही
इस सब पर अपनी राय बनाते हैं
किसी किसी को शौक होता है तोते पालने का
और किसी को खाली पालने का शौक दिखाने का
कोई मेहनत कर के
तोतों को बोलना सिखा ले जाता है
उसकी अपनी सोच के साथ
तोता भी अपनी सोच को मिला ले जाता है
किसी घर से सुबह सवेरे
राम राम सुनाई दे जाता है
किसी घर का तोता चोर चोर चिल्लाता है
कोई सालों साल
उल्टा सीधा करने के बाद भी
अपने तोते के मुँह से
कोई आवाज नहीं निकलवा पाता है
‘उलूक’ को क्या करना इस सबसे
वो जब उल्लुओं के बारे में ही कुछ
नहीं कह पाता है
तो हरों के हरे
और पीलों के पीले
तोतों के बारे में कुछ पूछने पर
अपनी पूँछ को अपनी चोंच पर चिपका कर
चुप रहने का संकेत जरूर दे जाता है
पर तोते तो तोते होते हैं
और तोतों को तोतों का कुछ भी कर लेना
बहुत अच्छी तरह से समझ में आ जाता है ।
चित्र साभार: http://www.www2.free-clipart.net/