कहानियाँ
बनती हैं
एक नहीं बहुत
हर जगह पर
अलग अलग
पर
हर कहानी
एक जगह नहीं
बना पाती है
कुछ
छपती हैं
कुछ
पढ़ी जाती हैं
अपनी अपनी
किस्मत होती है
हर कहानी की
उस
किस्मत के
हिसाब से ही
एक लेखक
और
एक लेखनी
पा जाती हैं
एक
बुरी कहानी
को एक अच्छी
लेखनी ही
मशहूर बनाती है
एक
अच्छी कहानी
का बैंड भी एक
लेखनी ही बजाती है
पाठक
अपनी
सोच के
अनुसार ही
कहानी का
चुनाव कर पाता है
इस मामले में
बहुत मुश्किल
से ही अपनी
सोच में कोई
लोच ला पाता है
मीठे का शौकीन मीठी
खट्टे का दीवाना खट्टी
कहानी ही लेना चाहता है
अब कूड़ा
बीनने वाला भी
अपने हिसाब से ही
कूड़े की तरफ ही
अपना झुकाव
दिखाता है
पहलू होते हैं ये भी
सब जीवन के ही
फ्रेम देख कर
पर्दे के अंदर रखे
चित्र का आभास
हो जाता है
इसी सब में
बहुत सी
अनकही
कहानियों की
तरफ किसी का
ध्यान नहीं जाता है
क्या किया जाये
ये भी होता है
और
बहुत होता है
एक
सर्वगुण
संपन्न भी
जिंदगी भर
कुँवारा
रह जाता है ।
बनती हैं
एक नहीं बहुत
हर जगह पर
अलग अलग
पर
हर कहानी
एक जगह नहीं
बना पाती है
कुछ
छपती हैं
कुछ
पढ़ी जाती हैं
अपनी अपनी
किस्मत होती है
हर कहानी की
उस
किस्मत के
हिसाब से ही
एक लेखक
और
एक लेखनी
पा जाती हैं
एक
बुरी कहानी
को एक अच्छी
लेखनी ही
मशहूर बनाती है
एक
अच्छी कहानी
का बैंड भी एक
लेखनी ही बजाती है
पाठक
अपनी
सोच के
अनुसार ही
कहानी का
चुनाव कर पाता है
इस मामले में
बहुत मुश्किल
से ही अपनी
सोच में कोई
लोच ला पाता है
मीठे का शौकीन मीठी
खट्टे का दीवाना खट्टी
कहानी ही लेना चाहता है
अब कूड़ा
बीनने वाला भी
अपने हिसाब से ही
कूड़े की तरफ ही
अपना झुकाव
दिखाता है
पहलू होते हैं ये भी
सब जीवन के ही
फ्रेम देख कर
पर्दे के अंदर रखे
चित्र का आभास
हो जाता है
इसी सब में
बहुत सी
अनकही
कहानियों की
तरफ किसी का
ध्यान नहीं जाता है
क्या किया जाये
ये भी होता है
और
बहुत होता है
एक
सर्वगुण
संपन्न भी
जिंदगी भर
कुँवारा
रह जाता है ।