यूँ ही
पूछ बैठा
गणित
समझते हो
जवाब मिला
नहीं
कभी
पढ़ नहीं पाया
हिसाब
समझते हो
जवाब मिला
वो भी नहीं
गणित में
कमजोर
रहा हमेशा
दिमाग ही
नहीं लगाया
मुझे भी
समझ में
कहाँ
आ पाया
गणित भी
और
हिसाब भी
खुद
गिनता रहा
जिन्दगी भर
बच्चों को
घर पर
सिखाता रहा
पढ़ाना
शुरु किया
वहाँ भी
पीछा नहीं
छुड़ा पाया
गणित से
गजब का
विषय है
गणित
गजब
गणित है
जीवन
का भी
दोनो
गणित हैं
दोनों में
समीकरण हैं
फिर भी
अलग हैं
दोनों
हर तरफ
गणित है
चलने में गणित
भागने में गणित
सोने में गणित
और
जागने में गणित
पर
मजे की बात है
किताब का गणित
बस किताब तक है
हिसाब
का गणित
दिमाग में है
मजबूत गणित
लिखा
नहीं है
कहीं भी
किसी
किताब में
कापी
कलम की
जरूरत ही
नहीं पड़ती है
जरा भी
पर
दिख जाता है
साफ साफ
हर जगह का
हर रंग का
नशे का गणित
बेहोशी का गणित
होश का गणित
पढ़ने का गणित
पढ़ाने का गणित
पढ़वाने का गणित
लिखने का गणित
लिखवाने का गणित
आने का
और
जाने का गणित
बताने का
सिखाने का
समझाने
का गणित
कितना
कितना गणित
कर लेता है आदमी
हर कदम पर
गणित
आगे जाने पर
गणित
पीछे आने का
गणित
इतना गणित
कि पागल
हो जाये किताबें
और
फेल हो जायें
सारे हिसाब
फिर भी
विषय नहीं
लिया होता है
आदमी ने
पढ़ी नहीं
होती है किताब
बस यूँ ही
कर ले जाता है
कितना सारा
बिना
समीकरणों के
समीकरण से
जोड़ता घटाता
समीकरण
फिर भी
जवाब मिलता है
नहीं
कभी पढ़
नहीं पाया
गणित में
कमजोर
रहा हमेशा
‘उलूक’
सुधर जा
अपने
खाली दिमाग
की हवा को
इस तरह
मत हिला
गरम हो
जायेगी तो
फट पड़ेगा
हर कोई
कहने लगेगा
गणित
पढ़ने लगा था
समझने लगा हूँ
समझने लगा था
हट के फितरत से
अपनी किया था
इसलिये फट गया था ।
चित्र साभार: https://drawception.com
पूछ बैठा
गणित
समझते हो
जवाब मिला
नहीं
कभी
पढ़ नहीं पाया
हिसाब
समझते हो
जवाब मिला
वो भी नहीं
गणित में
कमजोर
रहा हमेशा
दिमाग ही
नहीं लगाया
मुझे भी
समझ में
कहाँ
आ पाया
गणित भी
और
हिसाब भी
खुद
गिनता रहा
जिन्दगी भर
बच्चों को
घर पर
सिखाता रहा
पढ़ाना
शुरु किया
वहाँ भी
पीछा नहीं
छुड़ा पाया
गणित से
गजब का
विषय है
गणित
गजब
गणित है
जीवन
का भी
दोनो
गणित हैं
दोनों में
समीकरण हैं
फिर भी
अलग हैं
दोनों
हर तरफ
गणित है
चलने में गणित
भागने में गणित
सोने में गणित
और
जागने में गणित
पर
मजे की बात है
किताब का गणित
बस किताब तक है
हिसाब
का गणित
दिमाग में है
मजबूत गणित
लिखा
नहीं है
कहीं भी
किसी
किताब में
कापी
कलम की
जरूरत ही
नहीं पड़ती है
जरा भी
पर
दिख जाता है
साफ साफ
हर जगह का
हर रंग का
नशे का गणित
बेहोशी का गणित
होश का गणित
पढ़ने का गणित
पढ़ाने का गणित
पढ़वाने का गणित
लिखने का गणित
लिखवाने का गणित
आने का
और
जाने का गणित
बताने का
सिखाने का
समझाने
का गणित
कितना
कितना गणित
कर लेता है आदमी
हर कदम पर
गणित
आगे जाने पर
गणित
पीछे आने का
गणित
इतना गणित
कि पागल
हो जाये किताबें
और
फेल हो जायें
सारे हिसाब
फिर भी
विषय नहीं
लिया होता है
आदमी ने
पढ़ी नहीं
होती है किताब
बस यूँ ही
कर ले जाता है
कितना सारा
बिना
समीकरणों के
समीकरण से
जोड़ता घटाता
समीकरण
फिर भी
जवाब मिलता है
नहीं
कभी पढ़
नहीं पाया
गणित में
कमजोर
रहा हमेशा
‘उलूक’
सुधर जा
अपने
खाली दिमाग
की हवा को
इस तरह
मत हिला
गरम हो
जायेगी तो
फट पड़ेगा
हर कोई
कहने लगेगा
गणित
पढ़ने लगा था
समझने लगा हूँ
समझने लगा था
हट के फितरत से
अपनी किया था
इसलिये फट गया था ।
चित्र साभार: https://drawception.com