सारे के सारे
सब कुछ
कह चुके
गणित
लगा कर
जोड़ घटाना
गुणा भाग कर
अपने अपने
लिये
अपने अपने
हिसाब से
बना चुके
खाते खतौनी
तेरी मौत के
पर
दुख: है
गिनीज बुक
रिकॉर्डस
में नहीं
आ पायेगी
‘रोहित’
वो जो हुआ
तेरे साथ
कोई नई
चीज नहीं है
हर
विश्वविद्यालय
में हुई है
होनी होती है
सबसे
जरूरी होती है
यू जी सी को
भी पता होती है
कि
उपर चढ़ने
के लिये
जरूरी
हमेशा
जिंदा शरीर
से अच्छी एक
लाश ही होती है
हत्या
और आत्महत्या
तो बस एक
बात होती है
बाकी वो
राजनीति
क्या होती है
बस एक
बच्चा होती है
जो और
जगह होती है
खिचड़ी
पक रही
होती है
चावल
किसी का
दाल किसी
की होती है
सब को
पता होती है
कुत्तों के
नोचने के लिये
माँस चिपकी ह्ड्डी
ज्यादा अच्छी
चीज होती है
विश्वविद्यालय
बड़ी
क्या कहना
चाहिये
नहीं कही
जा रही है
जो देखकर
अपने घर
के पालतू
की शक्ल
जैसी ही एक
चीज की
मेल की
फीमेल
होती है
भड़वों
के लिये
वक्तव्य
देने सहेजने
की काँटेदार
झाड़ियों की
बीज होती है
जिस
गृह के
गृहपति
की बहुत बड़ी
कीमत होती है
उस घर
में हर एक
चीज बिकने
और
खरीदने की
चीज होती है
किसी
के हिस्से
में कटी टाँग
किसी
के हिस्से
में कटा हाथ
किसी
के हिस्से में
मौत की खबर
किसी
आत्माहीन
के हाथ में
मरे हुऐ की
आत्मा होती है
शोक सभा
होती है
जरूर होती है
शोक
संदेश भी
होता है
पढ़े लिखों
की भाषा
होती है
पर कहीं
नहीं होता है
आत्मा
को नोचने
वालों का
हिसाब किताब
उनके
हिसाब किताब
की किताब
उन लोगों
के खाते
देखने वालों
के पास होती है
विश्वविद्यालयों
जैसे एक
बड़े चीरफाड़ घर
में लाशों के
पहरेदारों की
कमी नहीं होती है
तेरी
मौत से
‘रोहित’
विश्वविद्यालयों
के अंदर
के पढ़े लिखे
कफन खोरों
कफन
बेचने वालों
और उनके
तीमारदारों
की आमदनी
में बढॉतरी
तेरे जैसे के
मरने के
बाद जरूर
होती है ।
चित्र साभार: www.fotosearch.com
सब कुछ
कह चुके
गणित
लगा कर
जोड़ घटाना
गुणा भाग कर
अपने अपने
लिये
अपने अपने
हिसाब से
बना चुके
खाते खतौनी
तेरी मौत के
पर
दुख: है
गिनीज बुक
रिकॉर्डस
में नहीं
आ पायेगी
‘रोहित’
वो जो हुआ
तेरे साथ
कोई नई
चीज नहीं है
हर
विश्वविद्यालय
में हुई है
होनी होती है
सबसे
जरूरी होती है
यू जी सी को
भी पता होती है
कि
उपर चढ़ने
के लिये
जरूरी
हमेशा
जिंदा शरीर
से अच्छी एक
लाश ही होती है
हत्या
और आत्महत्या
तो बस एक
बात होती है
बाकी वो
राजनीति
क्या होती है
बस एक
बच्चा होती है
जो और
जगह होती है
खिचड़ी
पक रही
होती है
चावल
किसी का
दाल किसी
की होती है
सब को
पता होती है
कुत्तों के
नोचने के लिये
माँस चिपकी ह्ड्डी
ज्यादा अच्छी
चीज होती है
विश्वविद्यालय
बड़ी
क्या कहना
चाहिये
नहीं कही
जा रही है
जो देखकर
अपने घर
के पालतू
की शक्ल
जैसी ही एक
चीज की
मेल की
फीमेल
होती है
भड़वों
के लिये
वक्तव्य
देने सहेजने
की काँटेदार
झाड़ियों की
बीज होती है
जिस
गृह के
गृहपति
की बहुत बड़ी
कीमत होती है
उस घर
में हर एक
चीज बिकने
और
खरीदने की
चीज होती है
किसी
के हिस्से
में कटी टाँग
किसी
के हिस्से
में कटा हाथ
किसी
के हिस्से में
मौत की खबर
किसी
आत्माहीन
के हाथ में
मरे हुऐ की
आत्मा होती है
शोक सभा
होती है
जरूर होती है
शोक
संदेश भी
होता है
पढ़े लिखों
की भाषा
होती है
पर कहीं
नहीं होता है
आत्मा
को नोचने
वालों का
हिसाब किताब
उनके
हिसाब किताब
की किताब
उन लोगों
के खाते
देखने वालों
के पास होती है
विश्वविद्यालयों
जैसे एक
बड़े चीरफाड़ घर
में लाशों के
पहरेदारों की
कमी नहीं होती है
तेरी
मौत से
‘रोहित’
विश्वविद्यालयों
के अंदर
के पढ़े लिखे
कफन खोरों
कफन
बेचने वालों
और उनके
तीमारदारों
की आमदनी
में बढॉतरी
तेरे जैसे के
मरने के
बाद जरूर
होती है ।
चित्र साभार: www.fotosearch.com