बहुत वाद
विवाद
के बाद
कुछ निकल
कर के आया
एक वक्ता
ने बताया
बंदरों की
शक्लों में
समय
के साथ
किस
तरह का
परिवर्तन
है आया
शहर में
आजकल
हर मुहल्ले
के बंदर
अलग अलग
सूरतों के
नजर आ रहे हैं
आदतों में भी
किसी मुहल्ले
वासी से मेल
नहीं खा रहे हैं
जबकि
देखा गया है
अफ्रीका के
बंदर अफ्रीकी
योरोप के
बंदर यूरोपी
भारत के बंदर
भारतीय
जैसे ही
दिखाई
दिया करते हैं
जैसा जनता
करती है
वैसा ही
वहां के
बंदर भी
ज्यादातर
किया करते हैं
कोई
ठोस उत्तर
जब कोई
नहीं दे पाया
तो इस विषय
को अगली
संगोष्ठी में
उठाया जायेगा
करके
किसी ने बताया
वैसे भी
इस बार
थोड़ी
जल्दीबाजी
के कारण
बंदरों का
प्रतिनिधि
शरीक
नहीं हो पाया
बंदरों की
तरफ से
कोई जवाब
किसी ने भी
दाखिल
नहीं कराया।
विवाद
के बाद
कुछ निकल
कर के आया
एक वक्ता
ने बताया
बंदरों की
शक्लों में
समय
के साथ
किस
तरह का
परिवर्तन
है आया
शहर में
आजकल
हर मुहल्ले
के बंदर
अलग अलग
सूरतों के
नजर आ रहे हैं
आदतों में भी
किसी मुहल्ले
वासी से मेल
नहीं खा रहे हैं
जबकि
देखा गया है
अफ्रीका के
बंदर अफ्रीकी
योरोप के
बंदर यूरोपी
भारत के बंदर
भारतीय
जैसे ही
दिखाई
दिया करते हैं
जैसा जनता
करती है
वैसा ही
वहां के
बंदर भी
ज्यादातर
किया करते हैं
कोई
ठोस उत्तर
जब कोई
नहीं दे पाया
तो इस विषय
को अगली
संगोष्ठी में
उठाया जायेगा
करके
किसी ने बताया
वैसे भी
इस बार
थोड़ी
जल्दीबाजी
के कारण
बंदरों का
प्रतिनिधि
शरीक
नहीं हो पाया
बंदरों की
तरफ से
कोई जवाब
किसी ने भी
दाखिल
नहीं कराया।