उलूक टाइम्स: इनाम
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रविवार, 21 दिसंबर 2014

खुद को ढूँढने के लिये खोना जरूरी है


एक नहीं
कई बार होता है
आभास भटकने का
समझ में भी आता है
बहुत साफ साफ दिखता भी है

जैसे साफ निर्मल पानी में
अपना अक्स ही इनकार करता हुआ
खुद ही का प्रतिबिम्ब होने से
बस थोड़े से लालच के कारण
जिसे स्वीकार करना मुश्किल होता है

और हमेशा की तरह
कोशिश व्यर्थ चली जाती है
बेचने की एक सत्य को
पता होने के बावजूद भी
कि सत्य कभी भी नहीं बिका है

बिकता हमेशा झूठ ही रहा है
और वो भी कम कम नहीं
हमेशा ही बहुत ऊँचे दामों में 
बिना किसी बाजार और
दुकान में सजे हुऐ

जिसे खरीदते समय
किसी को भी कभी
थोड़ी सी भी झिझक
नहीं होती है

सोच और कलम के लिये
कभी कहीं कोई बाजार
ना हुआ है ना कभी होगा

फिर भी गुजरते हुऐ
बाजारों के बीच लटके हुऐ 
झूठे इनामों सम्मानों की 
दुकानों की चकाचौंध
और ठेकेदारों की
निविदाओं के लिये
लगाई जा रही बोलियों से
जब भी कलम लेखन 
और लेखक का ध्यान भटकता है

थोड़ी देर के लिये ही सही
सत्य नंगा हो जाता है
खुद का खुद के लिये
खुद के ही सामने
और रास्ता दिखना शुरु हो जाता है
तेज रोशनी से चौंधिया के अंधी
हो गई आँखो को भी ।

चित्र साभार: www.gograph.com

शुक्रवार, 12 दिसंबर 2014

जमाने को सिखाने की हिम्मत गलती से भी मत कर जाना

ये अपना अपना
खुद का खुद क्या
लिखना लिखाना
कभी कुछ
ऐसा भी लिख
जिसका कहे
कोई जरा
इंपेक्ट फेक्टर
तो बताना
इधर से टीप
उधर से टीप
कभी छोटा सा
कभी लम्बा
सा बना ना
बिना डरे घबराये
दो चार संदर्भ
लिखे के नीचे
से छोटे छोटे
अक्षरों में कुछ
छपवा ले जाना
इधर उस पर
कुछ पैसा बनाना
उधर इस पर
इनाम कुछ
कह कहलवा
कर उठवाना
अपने आप खुद
अपनी सोच से
कुछ लिख लिखा
लेने वालों का
जनता के बीच
मजाक बनवाना
ऐसा भी क्या
एक झंडा उठाना
जिसे फहराने
के लिये
कहना पड़ जाये
हवा से भी
आ जा ना
आ जा ना
समझ नहीं सका
बेवकूफ तू
ना समझ
पायेगा कभी भी
ये जमाना भी है
उसी का जमाना
अपनी कहते
रहते हैं मूरख
‘उलूक’ जैसे
कुछ हमेशा ही
तू उसके नीम
कहे पर चाशनी
लगा कर
हमेशा मीठा
बना बना कर
वाह वाही पाना
हींग लगेगी
ना फिटकरी
ना तेरी जेब से
कभी भी इस में
कुछ है जाना
लगा रह इसका
उस से कहते हुऐ
उसका इस से
कहते चले जा ना ।

चित्र साभार: www.clker.com

सोमवार, 8 जुलाई 2013

मुझ से पूछने आता तो तेरे को कोई कैसे फंसाता

एक डी एन ए
टेस्ट करवाता है
दो नौकर के साथ
बनी सी डी मामले
में फंस जाता है
तीन का फोन
टेप करके चूजे
क्या होते हैं
टी वी पर
सरे आम सबको
बताया जाता है
हे भगवान !
इतनी पकी उम्र
होने पर भी
तेरा सब कुछ
कैसे इतनी
आसानी से
पब्लिक हो
जाता है
वो भी इतना
जिम्मेदार नेता
जो राज्य से
लेकर देश
को चला
ले जाता है
मेरी समझ
में ये नहीं
आता है
तेरे जैसे
लोगों को
उस जगह
पढ़ने कुछ
दिन के लिये
क्यों नहीं
भेज दिया
जाता है
जहाँ ऎसा
वैसा किताबों
में तो कहीं
नहीं दिखाया
जाता है
लेकिन सब कुछ
बहुत आसानी
से किया जाता है
कोई भी
किसी को
कहीं नहीं
फंसाता है
ना टी वी
में आता है
ना ही अखबार
वाला ही वो
सब बताता है
और ये सब करने
वाले को ही बस
इनाम में कुछ
साथ में दिया
भी जाता है
बाकी बचे हुओं
को अभी भी
बता दिया
जाता है
अगर वो भी
एक दो तीन
की तरह ही
कुछ करना
चाहता है
ऎसे स्कूलों
में क्यों नहीं
कुछ दिन
पढ़ने के
लिये आ
जाता है ।

रविवार, 22 जुलाई 2012

लोटा प्रतियोगिता

नीचे लिखे
लम्बे को
सब से छोटा
बनायेगा जो
प्रतियोगिता
में भाग लेगा
सब से बड़ा
लोटा भी
इनाम में ले
जायेगा वो ।


अजीब सा
महसूस होता है
अजीब अजीब
तरह के लोग
अजीब तरह से
पेश आते हैं
अजीब अजीब
सी बातें
पता नहीं
कैसे कैसे
अजीब अजीब
तरीकों से
सामने आ आ
कर गुनगुनाते हैं
अब एक
अजीब सी
शख्सियत
सामने आये
अजीब तरह
की हरकतें करे
और आशा करे
सामने वाला
मुस्कुराये
अजीब होने पर भी
किसी को कुछ भी
अजीब सा
ना लग पाये
ऎसे बहुत से
अजीब लोग
अजीब तरह
से रोज ही
तो टकराते हैं
अजीब लोगों को
कुछ हो या ना हों
हम भी तो सारा
अजीब पी जाते है
वैसे अजीब हो जाना
या अजीब सा कुछ
कर जाना ही
तो ज्यादा से
ज्यादा शोहरत
दिला जाता है
देख लीजिये
दुनिया की
सबसे अजीब
चीजों को ही
सातवें आश्चर्य की
सूची में शामिल
किया जाता है
इसलिये समय रहते
कोशिश करने में
क्या जाता है
अगर कोई अजीब
ना होते हुऎ भी
अजीब हो
जाना चाहता है
इसलिये खोजिये
अपने में भी
कुछ भी
अजीब अगर
आपको नजर
आता है
क्या पता उस
अजीब का होना
आपको भी
दुनिया का
सबसे अजीब
चीज बना
जाता है।