शायद
पता नहीं
होता है
दूर देखने
की आदत
नहीं
डाल रहा
होता है
देख भी
नहीं रहा
होता है
गिद्ध होने
का बहुत
ज्यादा
फायदा
हो रहा
होता है
आस पास
के कूड़े
कचरे को
सूँघता ही
फिर रहा
होता है
खुश्बुओं की
बात कभी
थोड़ी सी भी
नहीं कर
रहा होता है
लाशों के
बारे में
सोचता
फिर रहा
होता है
कहीं भी
कोई भी
मरा भी
नहीं
होता है
हर कोई
जिंदा
होता है
घूम रहा
होता है
सब कह
रहे होते हैं
सब को बता
रहे होते हैं
सब कुछ
ठीक हो
रहा होता है
बेशरम
बस एक
‘उलूक’
ही
हो रहा
होता है
रात को
उठ रहा
होता है
फटी आँखों
से देख
रहा होता है
बेशरम
हो रहा
होता है
बेशर्मी से
कहना
नहीं कहना
सारा
सभी कुछ
कह रहा
होता है ।
चित्र साभार: Tumblr
पता नहीं
होता है
दूर देखने
की आदत
नहीं
डाल रहा
होता है
देख भी
नहीं रहा
होता है
गिद्ध होने
का बहुत
ज्यादा
फायदा
हो रहा
होता है
आस पास
के कूड़े
कचरे को
सूँघता ही
फिर रहा
होता है
खुश्बुओं की
बात कभी
थोड़ी सी भी
नहीं कर
रहा होता है
लाशों के
बारे में
सोचता
फिर रहा
होता है
कहीं भी
कोई भी
मरा भी
नहीं
होता है
हर कोई
जिंदा
होता है
घूम रहा
होता है
सब कह
रहे होते हैं
सब को बता
रहे होते हैं
सब कुछ
ठीक हो
रहा होता है
बेशरम
बस एक
‘उलूक’
ही
हो रहा
होता है
रात को
उठ रहा
होता है
फटी आँखों
से देख
रहा होता है
बेशरम
हो रहा
होता है
बेशर्मी से
कहना
नहीं कहना
सारा
सभी कुछ
कह रहा
होता है ।
चित्र साभार: Tumblr