बहुत
अच्छे होते हैं
समझदार
होते हैं
होते हैं
किसी
अपने
जैसे के लिये
वफादार
होते हैं
होते हैं
ज्यादा
के
लिये नहीं
थोड़े थोड़े
के लिये
के लिये
अपनी
सोच में
खंजर
और
और
बात में लिये
तलवार
होते हैं
होते हैं
सच्चे
होते हैं
ना खुदा
के
होते हैं
ना भगवान
के
होते हैं
के
होते हैं
ना दीन
के
होते हैं
ना ईमान
के
होते हैं
के
होते हैं
बहुत
बड़ी
बात होती है
घर में
एक
नहीं भी हों
चोरों के
सरदार
के
साथ साथ
चोरों के
चोरों के
परिवार
के
होते हैं
के
होते हैं
रोज
सुबह के
अखबार
के
होते हैं
के
होते हैं
जुबाँ से
रसीले
होठों से
गीले
गीले
गले
मिलने को
किसी के भी
तलबगार
होते हैं
होते हैं
पहचानता है
हर कोई
समाज
समाज
के लिये
एक
एक
मील का पत्थर
एक सड़क
हवा में
बिना
हवाई जहाज
उड़ने
के लिये
के लिये
भी
तैयार होते हैं
तैयार होते हैं
गजब
होते हैंं
कुछ लोग
उससे गजब
उनके
आसपास
आसपास
मक्खियों
की तरह
किसी
आस में
आस में
भिनाभिनाते
कुछ
कुछ के
तलबगार
होते हैं
होते हैं
कहते हैं
किसी
तरह लिखते हैं
किसी तरह
ना
कवि होते हैं
कवि होते हैं
ना
कहानीकार होते हैं
कहानीकार होते हैं
ना ही
किसी उम्मीद
और
ना किसी
सम्मान
के
तलबगार
होते हैं
तलबगार
होते हैं
उलूक
तेरे जैसे
देखने
तेरे जैसे
सोचने
तेरे जैसे
सोचने
तेरा जैसे
कहने वाले
लोग
और आदमी
तो
वैसे भी
नहीं
वैसे भी
नहीं
कहे जाने चाहिये
संक्रमित
होते हैं
बस बीमार
और
बहुत ही
बीमार होते हैं ।
चित्र साभार: cliparts.co