कोशिश करते रहिये
कहने की सच
बात अलग है
कहने भर से ही बस काम नहीं हो जाएगा
जो कहा गया है उसको
किसी हजूर के तराजू में तोला भी जाएगा
बांट लिखने वाले के होंगे भी नहीं
कोर्ट कचहरी की अंधी मूर्ती से भी
काम नहीं चल पायेगा
आप से बस
हमेशा जोर लगा कर पूछा जाएगा
आप क्या सोच रहे हो
आपकी सोच को
इस तरह
सार्वजनिक किया जाएगा
सब शामिल हैं
इस खेल में घर से लेकर मैदान तक
बल्ला आपको दिए बिना
आपसे क्रिकेट खेलने को कहा जाएगा
बातें करिए बातों मैं कहीं भी आपको
आयकर लगा नजर नहीं आयेगा
जो जितना लंबा फेंकेगा
सोने का मैडल उसी के हाथ नजर आयेगा
प्रतिस्पर्धा कहीं है ही नहीं
मुकाबला करने आने वाले की
मुट्ठी गरम कर उसे
गीता का ज्ञान दिया जाएगा
एक ही चेहरे के साथ जीने वाले को
नरक ज्ञान की आभासी दुनियाँ
से भटका कर स्वर्गलोक में
होने का आभास
बातों से ही दे दिया जाएगा
बातें करिए बातें बोइये बातें खेलिए
करना किसी को नहीं है कुछ कहीं
‘उलूक’ तू खुद सोच ले
अपने दिन का सपना
तेरा रात का बकबकाना ही कहीं
तेरा फांसी का फंदा
तेरे लिए तो नहीं एक बन जाएगा ?
चित्र साभार : https://navbharattimes.indiatimes.com/