उलूक टाइम्स: दिवाला
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गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

दिवाला होना किस चीज का अच्छा होता है

महीने के
अंतिम दिन
तक आते
जेब का
दिवाला होना
कुछ समझ
में आता है
सोच से
दिवालिया
होने के लिये
दिन साल
महीने को
कहां गिना
जाता है

बहुत
होते हैं
जेब से
दिवालिये
पर अपनी
सोच का
जनाजा
कभी
निकलने
नहीं
देते हैं

सोच का
दिवाला
खुद ही
निकाल
जेब के
हवाले
करने
वाले
पर
हर जगह
होते हैं
और
कम नहीं
होते हैं
ज्यादा
होते हैं
और
बहुत
होते हैं

सोच के
होने को
आज कौन
भाव देता है
सबकी
नजर में
जेब होती है
और
हर जेब
का भाव
बस वही
जैसे आज
बाजार में
प्याज
होता है

जो भी
होता है
बस एक
बाजार
होता है
चढ़ता है
कुछ कहीं
कहीं कुछ
उतर रहा
होता है

सबकी
अपनी
फितरत है
कहाँ इसका
फर्क पड़
रहा होता है

कहीं सोच
मर रही
होती है
कहीं
जनाजा
सोच का
लेकर सामने
से ही कोई
गुजर रहा
होता है

बहुत कुछ
होता है
किसी के
लिये जो
किसी के
लिये कुछ
भी कहीं
नहीं
होता है ।

सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

तू आये निकले दिवाला वो आये होये दिवाली

एक तू है

कभी कहीं
जाता है

किसी को
कुछ भी
पता नहीं
चल पाता है

क्यों आता है
क्यों चला जाता है

ना कोई
आवाज आती है
ना कोई
बाजा बजाता है

क्या फर्क पड़ता है
अगर तुझे कुछ या
बहुत कुछ आता है

पढ़ाई लिखाई की
बात करने वाले
के पास पैसे का
टोटा हो जाता है

चंदे की
बात करता है
जगह जगह
गाली खाता है

नेता से सीखने में
काहे शरमाता है
कुछ ना भी बताये
किसी को कभी भी
अखबार में आ जाता है

शहर में लम्बी चौड़ी
गाड़ियों का मेला
लग जाता है

ट्रेफिक का सिपाही
कुछ कहना छोड़ कर
बस अपना सिर
खुजलाता है

चुनाव की बात
करने के लिये
किसी भी गरीब
को कष्ट नहीं
दिया जाता है

राजनैतिक
सम्मेलनों से
साफ नजर आता है

देश में गरीबों का
बहुत खयाल
रखा जाता है

दूर ही से नहीं
बहुत दूर से भी
सिखा दिया जाता है

क्यों परेशान होता है
काहे चुनावों में खड़ा
होना चाहता है

सूचना या समझने के
आधिकार से किसी भी
गरीब का नहीं
कोई नाता है

वोट देने का अधिकार
दिया तो है तुझे
खुश रह मौज कर

अगले साल
आने के लिये
अभी से बता
दिया जाता है

हम पे नजर
रखना छोड़
आधार कार्ड
बनाने के लिये
भीड़ में घुसने
का जुगाड़
क्यों नहीं
लगाता है

समझा कर
गरीबी की
रेखा का सम्मान
इस देश में हमेशा
ही किया जाता है

सेहत के लिये जो
अच्छा नहीं होता
ऐसा कोई भी ठेका
उनको नहीं
दिया जाता है ।

सोमवार, 12 मार्च 2012

समाधान

राहुल भैया
अब
आप ही
संभालें

मदद करेंं 
मुश्किल से
निकालें

माता जी को
राय एक
दे डालें

वो आ जायें
या
आपको बनालें

नहीं हो पाये तो
नाराय़ण को बुलालें

पिछले
बारह वर्षों पर
एक नजर डालें

मुख्यमंत्रियों
की एक
लिस्ट बनालें

ऎसा भी नहीं तो
नया कर डालें

बारी बारी से
एक एक करके
वो गद्दी संभालें

खाने पीने की
सीमा रेखा बनालें

पूरा हो जाये तो
दूसरा बुलालें

साठ महीने
को छत्तीस से
भाग दे डालें

उतने महीने
सभी मौका भुनालें

जैसे हो सके
राज्य का
दिवाला निकालें

बचा खुचा दर्जा
धारियों को दिखालें

लाल बत्ती वालोंं
को भी बुलालें
लौलीपौप एक एक
उन्हें भी थमालें ।