एक तू है
कभी कहीं
जाता है
किसी को
कुछ भी
पता नहीं
चल पाता है
क्यों आता है
क्यों चला जाता है
ना कोई
आवाज आती है
ना कोई
बाजा बजाता है
क्या फर्क पड़ता है
अगर तुझे कुछ या
बहुत कुछ आता है
पढ़ाई लिखाई की
बात करने वाले
के पास पैसे का
टोटा हो जाता है
चंदे की
बात करता है
जगह जगह
गाली खाता है
नेता से सीखने में
काहे शरमाता है
कुछ ना भी बताये
किसी को कभी भी
अखबार में आ जाता है
शहर में लम्बी चौड़ी
गाड़ियों का मेला
लग जाता है
ट्रेफिक का सिपाही
कुछ कहना छोड़ कर
बस अपना सिर
खुजलाता है
चुनाव की बात
करने के लिये
किसी भी गरीब
को कष्ट नहीं
दिया जाता है
राजनैतिक
सम्मेलनों से
साफ नजर आता है
देश में गरीबों का
बहुत खयाल
रखा जाता है
दूर ही से नहीं
बहुत दूर से भी
सिखा दिया जाता है
क्यों परेशान होता है
काहे चुनावों में खड़ा
होना चाहता है
सूचना या समझने के
आधिकार से किसी भी
गरीब का नहीं
कोई नाता है
वोट देने का अधिकार
दिया तो है तुझे
खुश रह मौज कर
अगले साल
आने के लिये
अभी से बता
दिया जाता है
हम पे नजर
रखना छोड़
आधार कार्ड
बनाने के लिये
भीड़ में घुसने
का जुगाड़
क्यों नहीं
लगाता है
समझा कर
गरीबी की
रेखा का सम्मान
इस देश में हमेशा
ही किया जाता है
सेहत के लिये जो
अच्छा नहीं होता
ऐसा कोई भी ठेका
उनको नहीं
दिया जाता है ।
कभी कहीं
जाता है
किसी को
कुछ भी
पता नहीं
चल पाता है
क्यों आता है
क्यों चला जाता है
ना कोई
आवाज आती है
ना कोई
बाजा बजाता है
क्या फर्क पड़ता है
अगर तुझे कुछ या
बहुत कुछ आता है
पढ़ाई लिखाई की
बात करने वाले
के पास पैसे का
टोटा हो जाता है
चंदे की
बात करता है
जगह जगह
गाली खाता है
नेता से सीखने में
काहे शरमाता है
कुछ ना भी बताये
किसी को कभी भी
अखबार में आ जाता है
शहर में लम्बी चौड़ी
गाड़ियों का मेला
लग जाता है
ट्रेफिक का सिपाही
कुछ कहना छोड़ कर
बस अपना सिर
खुजलाता है
चुनाव की बात
करने के लिये
किसी भी गरीब
को कष्ट नहीं
दिया जाता है
राजनैतिक
सम्मेलनों से
साफ नजर आता है
देश में गरीबों का
बहुत खयाल
रखा जाता है
दूर ही से नहीं
बहुत दूर से भी
सिखा दिया जाता है
क्यों परेशान होता है
काहे चुनावों में खड़ा
होना चाहता है
सूचना या समझने के
आधिकार से किसी भी
गरीब का नहीं
कोई नाता है
वोट देने का अधिकार
दिया तो है तुझे
खुश रह मौज कर
अगले साल
आने के लिये
अभी से बता
दिया जाता है
हम पे नजर
रखना छोड़
आधार कार्ड
बनाने के लिये
भीड़ में घुसने
का जुगाड़
क्यों नहीं
लगाता है
समझा कर
गरीबी की
रेखा का सम्मान
इस देश में हमेशा
ही किया जाता है
सेहत के लिये जो
अच्छा नहीं होता
ऐसा कोई भी ठेका
उनको नहीं
दिया जाता है ।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (08-10-2013) मंगलवारीय चर्चा---1292-- वो पंख अब भी संभाले रखे हैं मैंने .... में "मयंक का कोना" पर भी है!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंमंगल-कामनाएं आदरणीय-
बहुत सुन्दर ......नमस्ते
जवाब देंहटाएं