उलूक टाइम्स: फिजूल
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मंगलवार, 2 मई 2023

बस यूँ ही



रोज खुलती हैं खिड़कियाँ
कुछ हवा होती है कुछ धूल होती है
झिर्रियों से झांकती है जिंदगी
सांस होती है फिजूल होती है

लिखना भूल जाने का मतलब
लिखना नहीं आना नहीं होता है
कुछ
अहसास लिख जाते है
कुछ को लिख दिये का अहसास होता है

अजीब मौसम हैं अजीब बारिशें है
बादल कहीं नहीं होता है
इतना बरसता है आदमी 
पानी पानी हो शर्मसार होता है

उसको इसका सब पता होता है
इसको उसका सब पता होता है
अपने पते पर लापता लोगों को
बस अपना कुछ पता 
नहीं होता है

इधर मुक्ति पालो उधर बंधुआ हो लेती है सोच
सबको पता होता है
खुले दिमाग मरीचिका होते हैं
कोई कहता नहीं 
है मगर गुलाम होता है

सनद रहेगी वक्त पर काम भी आयेगी
बस लिखना जरुरी होता है
रेत है हर तरफ
आंधी में लिखा सब कुछ सामने से ही उड़ा होता है

वो रेतते हैं गले गले भरे शब्दों के
शराफत का यही कायदा होता है
खून से लिखते हैं आजादी
जर्रे जर्रे में जिसने सब हलाल किया होता है

खौलता है तो क्या होता है खौलने दे
  कुछ नहीं 
कहीं होता है
देख और देखता चल 'उलूक' सब देख रहे हैं
बस कुछ देखना ही होता है |  

चित्र साभार: https://www.dreamstime.com/

शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

कुछ भी लिख और सोच ले इसी लिखे से शेयर बाजार चढ़ रहा है




ना तो
तू शेर है

ना ही
हाथी है 

फिर
किस लिये
इच्छा
करता है

दहाड़ने की
और
चिंघाड़ने की 

तेरी मर्जी
कैसे
चल सकती है

हिम्मत है
तुझे

फर्जी होने की 

जंगल में होना
और
शिकार करना 

नंगे होना
साथ में
तीर तलवार
होना

कोई
पाषाण युग

थोड़े ना
चल रहा है 

दर्जी है
खुद ही
खुदगर्जी
सिल रहा है

ऊल जलूल
लिखने से
अलग
नहीं
हो जाती है
लेखनी

बहुत से हैं
जानते हैं
पहचानते हैं

चिढ़
के मारे
जान बूझ कर

फजूल
लिख रहा है 

अलग
रह कर

आदमी
अलग नहीं
हो जाता है 

इच्छायें
तो
भीड़ की
जैसी ही हैं

बस
हिम्मत की
कमी है

किस लिये
ठंडा ठंडा
कूल
दिख रहा है 

सीख
क्यों
नहीं लेता है

वायदा कर लेना

फायदा
बहुत है

पैसे
वसूल
हो जाते हैं

दिखाई
देना चाहिये

हर
फटे कोने से
एक उसूल
दिख रहा है

रायता
फैल जाता है

फैलाना
जरूरी है

यही
एक कायदा
होता है
आज के समय में

‘उलूक’

गाँधी
बहुत पहले
बेच दिया गया था

जमाना
विवेकानंद
के
शेयरों पर

आज
नजर रख रहा है

एक
वही है
 जो
सबसे ज्यादा
प्रचलन में है

और
नारों में

खूबसूरत
नजारों में

नाचता
सामने सामने
दिख रहा है ।
चित्र साभार: https://www.dreamstime.com