किसने बताया कहाँ सुन के आया
कि
लिखने वाले ने जो लिखा होता है
उसमें उसकी तस्वीर और उसका पता होता है
किसने बताया कहाँ सुन के आया
कि
बोलने वाले ने जो बोला होता है
उससे उसकी सोच और उसके कर्मो का लेखा जोखा होता है
बहुत बडे़ बडे़ लोगों के
आसपास मडराने वालों के
भरमाने पर मत आया कर
थोड़ा गणित ना सही
सामाजिक साँख्यिकी को ध्यान में ले आया कर
इस जमाने में
चाँद में पहुँचने की तमन्ना रखने वाले लोग ही
सबको घोडे़ दिलवाते हैं
जल्दी पहुँच जायेगा मंजिल किस तरह से
ये भी साथ में समझाते हैं
घोडे़ के आगे निकलते ही
घोडे़ की पूँछ में पलीता लगाते हैं
चाँद में पहुँचाने वाले दलाल को
ये सब घोडे़ की दौड़ है कह कर भटकाते हैं
घोडे़ ऎसे पता नहीं कितने
एक के बाद एक गिरते चले जाते हैं
समय मिटा देता है
जल्दी ही लोगों की यादाश्त को
घोडे़ गिराने वाले फिर कहीं और
लोगों को घोड़ों में बिठाते हुऎ नजर फिर से आते है
बैठने वाले ये भी नहीं समझ पाते हैं
बैठाने वाले खुद कभी भी कहीं भी
घोडे़ पर बैठे हुऎ नजर क्यों नहीं आते हैं ?
चित्र साभार: https://www.freepik.com/
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