सारे शेर भी थे
एक जंगल के भी थे
सबके सपने
अपने अपने थे
गीदड़ों ने मिल कर
उनका शिकार किया
एक नहीं ग्यारह
शेरों पर वार किया
अब शेरों के
घर वालों को
रोना आ रहा है
हर कोई
शेर था शेर था
करके बता रहा है
गीददों से मार
खाई करके बिल्कुल
नहीं शरमा रहा है
जंगल इसीलिये
बरबाद होता जा रहा है
शेर लोग तो जायें गड्ढों में
बेचारे जानवरों को क्यों
जमीन के अंदर बिना
बात ले जाया जा रहा है ?
एक जंगल के भी थे
सबके सपने
अपने अपने थे
गीदड़ों ने मिल कर
उनका शिकार किया
एक नहीं ग्यारह
शेरों पर वार किया
अब शेरों के
घर वालों को
रोना आ रहा है
हर कोई
शेर था शेर था
करके बता रहा है
गीददों से मार
खाई करके बिल्कुल
नहीं शरमा रहा है
जंगल इसीलिये
बरबाद होता जा रहा है
शेर लोग तो जायें गड्ढों में
बेचारे जानवरों को क्यों
जमीन के अंदर बिना
बात ले जाया जा रहा है ?
क्या बात है भाई
जवाब देंहटाएंबधाई जबरदस्त प्रस्तुति पर ।।