कौन जायज कौन नाजायज
प्रश्न जब औलाद किस की पर आ कर खड़ा हो जाये
किस तरह खोज कर
जायज उत्तर को लाकर इज्जत के साथ बैठाया जाये
कौन समझाये किसे समझाये
लिखने लिखाने से कब पता चल पाये
कौन जायज नाजायज और कौन नाजायज जायज
सिक्का उछालने वाले के
सिक्के में हर तरफ तस्वीर जब एक हो जाये
चित भी उसकी
पट भी उसके ही किसी उसकी हो धमकाये
पट भी उसके ही किसी उसकी हो धमकाये
जिसका वो खुद जायज होना
नाजायज बता सामने वाले को जायज समझाये
जायजों की कतार में
अनुशाशितों के भाई भतीजे चाचा ताऊ का
प्रमाण पत्र जायज होने के बटवाये
जिसमें लिखा जाये
लाईन को बाहर से खड़े देखते बाकी बचे खुचे
अपने आप नाजायजों में गिनती किये जायें
जो दिखायी दे उसपर ध्यान ना लगाये
कुछ सोच से परे भी सोच रखने के
योग ध्यान अभ्यास सिखाने पढ़ाने वालों की शरण में जाये
कल्याण करे खुद का पहले
जायजों के करे धरे नाजायज से ध्यान हटवाये
एकरूपता की सारे देश में
जायजों की कक्षाएं लगा लगा कर भक्ति पढ़ाये
नाजायज पर पर्दा फहराये
जायज होने के पुरुस्कारों के साथ
प्रतिष्ठित किसी मुकाम पर आसीन हो जाये
फिर घोषित जायजों को एक तरफ करवाये
और अघोषित नाजायजों की वाट लगवाये
समझ में आ रहा है कहते हते हैं
‘उलूक’ जैसे नाजायज हर ठूँठ पर बैठे
ऐसे नालायक को हट हट करते हुऐ
जायजों के सिंहारूढ़ होने के जयकारों में
अपनी जायज आवाज मिलायें
निशान लगाये नाजायजों को
मिलजुल कर आँख दिखायें
हो सके तो मंच पर किसी चप्पल से पिटवायें ।
चित्र साभार: https://drawception.com