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रविवार, 27 अक्तूबर 2013

सबसे बड़ा सच तो झूठ होता है

सच को बस छोड़कर
सब कुछ चलता हुआ दिखाई देता है

सच सबके पास होता है 
जेब में कमीज और पेंट की
हाथ में कापी और किताब में

एक के सच से दूसरे को
कोई मतलब नहीं होता है

अपने अपने सच होते हैं
सब का आकार अलग होता है
सच किसी के पैर की चप्पल या जूता होता है

एक का सच 
दूसरे के काम का नहीं होता है 
कोई किसी के सच के बारे में
किसी से कुछ नहीं कहता है

हाँ झूठ बहुत ही मजेदार होता है
सब बात करते हैं झूठ की
झूठ का आकार नहीं होता है
एक का झूठ दूसरे के भी
बहुत काम का होता है

पर किसी को पता नहीं होता है
झूठ कहाँ होता है

सूचना का अधिकार
झूठ को ढूंढने का ही हथियार होता है 
सबसे ज्यादा चलता हुआ
वही दिख रहा होता है

सच
बेवकूफ
मैं सच हूं सोच सोच कर
एक जगह ही बैठा होता है

जहाँ पहुचने की कोई सोच भी नहीं सकता है
झूठ वहाँ जरूर पहले से ही पहुंचा होता है
झूठ के पैर नहीं होते है
'उलूक'
बहकाने के लिये ही
शायद यूँ ही कह दिया होता है । 

चित्र साभार: https://www.megapixl.com/

शनिवार, 14 अप्रैल 2012

भारतीय ..... बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक ।

छुट्टी लो
बैंक हो आओ
बचे हुवे काम
निपटाओ

छोटे बैंक में
जा कर आओ
कोई डिपोसिट
मत दे आओ

चाय पियो
मिठाई भी खाओ
आते समय
कैलेण्डर ले जाओ

देश के
सबसे बड़े
बैंक में जाओ
लम्बी लाईन में
खड़े हो जाओ
आधा घंटा
दाढ़ी खुजलाओ

नम्बर आये
तो घबराओ
कुर्सी सामने की
खाली पाओ

इधर उधर
नजर दौड़ाओ
साहब जी
बतियाते पाओ
किस्मत अच्छी
धन्य हो जाओ
साहब जी
काउंटर पर पाओ

पासबुक अपनी
आगे बढ़ाओ
दो बड़ी आँखे
घूरते पाओ
अपना पैसा
दे तो जाओ
भीख माँगने तो
मत आओ

प्रिंटर की
शक्ल पर मत जाओ
पासबुक फंसे
मत घबराओ
वापस लेलो
डाँठ भी खाओ
फिर करवाना
सुन ले जाओ
लौट लो बुद्धू
घर को जाओ।