एक
जूता
मार रहा है
मार रहा है
नहीं
देखना है
कुछ
नहीं कहना है
नहीं कहना है
एक
जूता
खा रहा है
खा रहा है
नहीं
देखना है
कुछ
नहीं कहना है
नहीं कहना है
दूर दर्शन
दिखा रहा है
दिखा
रहा होगा
रहा होगा
बस
देख लेना है
देख लेना है
अखबार में
छप गया है
छपा
दिया गया होगा
दिया गया होगा
बस
सोच लेना है
सोच लेना है
उसके साथ
खड़े रहना है
खड़े रहना है
मजबूती से
मजबूरी है
जमीर
होता ही है
परेशान
करे
तो बेच देना है
घर की
बातें हैं
जनता
के बीच
जा जा कर
क्यों कहना है
दिल्ली
दूर
नहीं होती है
नहीं होती है
दूरबीन लगाये
बस उधर देखना है
अकेले
रहना भी
कोई रहना है
गिरोह में
शामिल
नहीं होना
नहीं होना
हिम्मत
का काम
हो सकता है
पर
आत्मघाती
हो जाता है
सोच लेना है
कविता करना
कहानी कहना
शाबाशी लेना
शाबाशी देना
गजब बात है
सच की
थोड़ी सी
वकालत करना
थोड़ी सी
वकालत करना
बकवास
करना
हो जाता है
ये भी
देख लेना है
‘उलूक’
अपने
आस पास के
जूते जुराबों को
छुपा देना है
बस
चाँद के
पाँव धो लेने है
पाँव धो लेने है
और
सोच सोच कर
बेखुदी में
कुछ पी लेना है
कुछ पी लेना है
कुछ भी
हो जाये
लेकिन
बस
धरती पर
उतारा गया
गफलत का
वही चाँद
देख लेना है
वही चाँद
खोद लेना है ।
चित्र साभार: https://openclipart.org