कहावतें भी समय के साथ बह जाती हैं
चिंता चिता के समान होती होंगी कभी
अब मगर चितायें भी बहा ले जायी जाती हैं
लकड़ियाँ रह भी गयी अगर जलाती नहीं है
बस थोड़ा थोड़ा सा सुलगाती हैं
इसलिये लगा रह चिंता कर
लेकिन कभी कभी बकवास भी पढ़ लिया कर
अंगरेजी में कहते हैं फॉर ए चेंज
बकवास लिखने के कई फायदे जरूर हैं
फिर भी बकवास लिखने के कायदे भी
कुछ हजूर हैं
कभी कोशिश कर के देख ले लिखने की
कोई भी बकवास
देख कर समझ कर कुछ भी
अपने ही अगल बगल अपने ही आसपास
बकवास कभी इतिहास नहीं हो पाती है
ध्यान रहे एक दिन के बाद
दूसरे दिन साँस भी नहीं ले पाती है
कोई देखने नहीं आता है
कोई नहीं
हाँ तो मतलब देखना पड़ता है जो किया जाता है
उसको कितनों के द्वारा नजर के दायरे में लिया जाता है
सोचो जरा
कूड़े के ढेर में कौन कौन सा
किस प्रकार का कैसा कैसा कूड़ा गेरा गया है
कौन इतना ध्यान लगाता है
सारा मिलमिला कर सब एक जैसा
सार्वभौमिक हो जाता है
एक तरह से ईश्वरीय हो जाता है
सर्वव्यापी क्या होता है महसूस करा जाता है
अब सब लोग कूड़ा क्यों देखेंगे भला
अच्छा भी तो बहुत सारा होता है
जिस पर सबका हिस्सा माना जाता है
और जो मिलजुल कर साथ साथ
कूड़े को पाँव के नीचे दबाकर
उँचे स्वर में गाया जाता है
दुर्गंध क्या होती है
जब सड़ाँध है को होने के बावजूद
सर्वसम्मति से नकार दिया जाता है
मतलब इस सब के बीच कोई लिखने में लग जाता है
ऊल जलूल लिखा हुआ किसी को
कविता कहानी जैसा नजर आना शुरु हो जाता है
क्या किया जाये
अंधा लूला लंगड़ा काना
किस दिशा में किस चीज में रंगत देख ले जाये
कौन बता पाता है
अब ‘उलूक’ इस सब के बीच
बकवास करने के धंधें में कब पारंगत हो जाता है
उसे भी तब अन्दाज आता है
जब कोई कहना शुरु कर देता है
अबे तू किसलिये फटे में टाँग अड़ा कर
इतना खिलखिलाता है
सार ये है कि
ठंड रखना सबसे अच्छा हथियार माना जाता है
कुछ दिन चला कर देख ले
कितना मजा आता है ।
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कुरेदना राख को उसका
देखिये जनाब बबाल कर गया
आग बैठी देखती रह गयी बहुत दूर से
कमाल कर गया ।
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