ये लिखना भी
कोई लिखना
है लल्लू
किसी की
समझ में
कुछ नहीं
आता है
तेरी बेशर्मी
की भी कोई
हद नहीं है
सुनता है
कोई लिखना
है लल्लू
किसी की
समझ में
कुछ नहीं
आता है
तेरी बेशर्मी
की भी कोई
हद नहीं है
सुनता है
फिर
और भी
और भी
जोर शोर से
लिखना शुरु
हो जाता है
सोचा कर
अगर
सोच सकता है
बता
कोई एक
तुझे छोड़ कर
है कोई
ऐसा दूसरा
जो
तेरी तरह
रोज
शाम होते
ही शुरु
हो जाता है
किसे
फुरसत है
कौन
बेकार है
सबके
पास हैंं
अपने
अपने हैं
और
बहुत सारे
बड़े काम हैं
बेरोजगार
होने का
मतलब
लेखक
हो जाना
नहीं हो
जाता है
गलतफहमी
को
खुशफहमी
बना कर
खुद की
खुद ही
नाचना
शुरु हो
जाने वाला
तेरे अलावा
इस
नक्कारखाने में
कोई दूसरा
नजर नहीं
आता है
क्या किया
जा सकता है
तेरी इस
बीमारी का
जिसका इलाज
अस्पताल में भी
नहीं पाया जाता है
कुऐं में
घुसे हुऐ
मेंढक
की तरह
क्यों
कब तक
किसके लिये
गला फाड़
टर्राता है
समझा कर
छोटे शहर
का पागल
शहर के
कोने कोने में
पहचान
लिया जाता है
इसी लिये
बड़ी जगह
की बड़ी बड़ी
बातों में
उलझाने फँसाने
के खेलों
को सीखने
सिखाने के लिये
एक
समझदार
गली से बाहर
निकल कर
एक खुले
बड़े से
मैदान में
आ जाता है ।
चित्र साभार: girlrunningcrazy.com
लिखना शुरु
हो जाता है
सोचा कर
अगर
सोच सकता है
बता
कोई एक
तुझे छोड़ कर
है कोई
ऐसा दूसरा
जो
तेरी तरह
रोज
शाम होते
ही शुरु
हो जाता है
किसे
फुरसत है
कौन
बेकार है
सबके
पास हैंं
अपने
अपने हैं
और
बहुत सारे
बड़े काम हैं
बेरोजगार
होने का
मतलब
लेखक
हो जाना
नहीं हो
जाता है
गलतफहमी
को
खुशफहमी
बना कर
खुद की
खुद ही
नाचना
शुरु हो
जाने वाला
तेरे अलावा
इस
नक्कारखाने में
कोई दूसरा
नजर नहीं
आता है
क्या किया
जा सकता है
तेरी इस
बीमारी का
जिसका इलाज
अस्पताल में भी
नहीं पाया जाता है
कुऐं में
घुसे हुऐ
मेंढक
की तरह
क्यों
कब तक
किसके लिये
गला फाड़
टर्राता है
समझा कर
छोटे शहर
का पागल
शहर के
कोने कोने में
पहचान
लिया जाता है
इसी लिये
बड़ी जगह
की बड़ी बड़ी
बातों में
उलझाने फँसाने
के खेलों
को सीखने
सिखाने के लिये
एक
समझदार
गली से बाहर
निकल कर
एक खुले
बड़े से
मैदान में
आ जाता है ।
चित्र साभार: girlrunningcrazy.com