अब दिन तो
आते ही हैं
किसी दिन
किसी का दिन
किसी दिन
किसी का दिन
एक दिन
उसका दिन
एक दिन
इसका दिन
एक दिन एक
मरे हुऐ को
याद करने
का दिन
एक दिन एक
जिंदा को
सलाम करने
का दिन
ग्लोबलाईजेशन
के जमाने का
असर झेलता
रहा इसी तरह
अगर दिन
तो दिखेगा
एक दिन में
एक नहीं कई
कई दिनों
का दिन
असल जिंदगी
के टेढ़े मेढ़े
दिनो को सीधा
करता हुआ
एक दिन
रोज के आटे
दाल सब्जी
रोटी से जूझते
रहने वाली की
भी कुछ कुछ
याद आ ही
जाने का दिन
इसका उसका
नहीं हमारा दिन
बस एक दिन
जता लेने के
लिये बहुत ही
है प्यारा दिन
कभी किसी दिन
रहा होगा यही
एक कुँवारा दिन
अब आ ही
जाता है हर साल
बताने के लिये
कहीं किसी ओर
की तरफ भूल
कर तो नहीं
चला जा
रहा है दिन
साल के सारे
दिनों का निचोड़
सारे के सारे
तरह तरह के
दिनों के ऊपर
एक दिन के
लिये ही सही
मुस्कुराने की
कोशिश करता
हुआ बहुत भारी
होने जा रहा दिन
एक दो नहीं
बाईस साला हो
जा रहा एक दिन
इतने मजबूत दिन
के लिये मत
कह देना
किस तरह के
दिन की बात
बताने जा रहा है
आज का वाला ये
तुम्हारा दिन ।
आते ही हैं
किसी दिन
किसी का दिन
किसी दिन
किसी का दिन
एक दिन
उसका दिन
एक दिन
इसका दिन
एक दिन एक
मरे हुऐ को
याद करने
का दिन
एक दिन एक
जिंदा को
सलाम करने
का दिन
ग्लोबलाईजेशन
के जमाने का
असर झेलता
रहा इसी तरह
अगर दिन
तो दिखेगा
एक दिन में
एक नहीं कई
कई दिनों
का दिन
असल जिंदगी
के टेढ़े मेढ़े
दिनो को सीधा
करता हुआ
एक दिन
रोज के आटे
दाल सब्जी
रोटी से जूझते
रहने वाली की
भी कुछ कुछ
याद आ ही
जाने का दिन
इसका उसका
नहीं हमारा दिन
बस एक दिन
जता लेने के
लिये बहुत ही
है प्यारा दिन
कभी किसी दिन
रहा होगा यही
एक कुँवारा दिन
अब आ ही
जाता है हर साल
बताने के लिये
कहीं किसी ओर
की तरफ भूल
कर तो नहीं
चला जा
रहा है दिन
साल के सारे
दिनों का निचोड़
सारे के सारे
तरह तरह के
दिनों के ऊपर
एक दिन के
लिये ही सही
मुस्कुराने की
कोशिश करता
हुआ बहुत भारी
होने जा रहा दिन
एक दो नहीं
बाईस साला हो
जा रहा एक दिन
इतने मजबूत दिन
के लिये मत
कह देना
किस तरह के
दिन की बात
बताने जा रहा है
आज का वाला ये
तुम्हारा दिन ।
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंएक दो नहीं
जवाब देंहटाएंबाईस साला हो
जा रहा एक दिन
इतने मजबूत दिन
के लिये मत
कह देना
किस तरह के
दिन की बात
बताने जा रहा है
आज का वाला ये
तुम्हारा दिन ।.......मुबारक हो आपको .......ये दिनों में खास .....आज का ये दिन
सुंदर अभिव्यक्ति...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST - आँसुओं की कीमत.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (19-02-2014) को भैया भ्रष्टाचार भी, भद्रकार भरपूर; चर्चा मंच 1528 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
भैया जी शुभकामना, रहे आज तक झेल |
जवाब देंहटाएंचले पचासों वर्ष यह, तुम दोनों का खेल |
तुम दोनों का खेल, मेल यह दौड़े सरपट |
जनम जनम की जेल, मुहब्बत-खटपट चटपट |
रविकर बाइस साल, कृपा कर दुर्गे मैया |
सकुशल कुल परिवार, रहें खुश भाभी भैया ||
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। त्वरित टिप्पणियों का ब्लॉग ॥
जवाब देंहटाएंफूल तो दो-चार गुलचीं ने चुने,
जवाब देंहटाएंसारे गुलशन पर उदासी छा गई!
भले ही पसरें हों साल के 365 दिन, लेकिन इस एक दिन के आगे सारे 364 क़ुर्बान!! बधाई हमारी भी!!
और एक दिन वह भी जब घूरे के भी दिन फिरते हैं हैं न भाई साहब। एवरी डॉग हेस हिज़ डे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएं:) सार्थक रचना बहुत बहुत बधाई हो आप दोनों को !
जवाब देंहटाएं