अंंधेरे का खौफ बढ़ गया इतना
रात को दिन बना रहा आदमी।
दिये का चलन खत्म हो चला समझो
बल्ब को सूरज बना रहा आदमी।
आदमीयत तो मर गयी ऎ आदमी
रोबोट को आदमी बना रहा आदमी।
रोना आँखों की सेहत है सुना था कभी
रोया इतना कि रोना भूल गया आदमी।
हंसने खेलने की याद भी कहाँ आती है उसे
सोने चाँदी के गेहूँ जो उगा रहा आदमी।
अब पतंगे कहाँ जला करते है यारो
दिये को खुद रोशनी दिखा रहा आदमी।
आदमी आदमी
हर तरफ आदमी
रहने भी दो
अब जब खुदा भी
खुद हो चला आदमी।
रात को दिन बना रहा आदमी।
दिये का चलन खत्म हो चला समझो
बल्ब को सूरज बना रहा आदमी।
आदमीयत तो मर गयी ऎ आदमी
रोबोट को आदमी बना रहा आदमी।
रोना आँखों की सेहत है सुना था कभी
रोया इतना कि रोना भूल गया आदमी।
हंसने खेलने की याद भी कहाँ आती है उसे
सोने चाँदी के गेहूँ जो उगा रहा आदमी।
अब पतंगे कहाँ जला करते है यारो
दिये को खुद रोशनी दिखा रहा आदमी।
आदमी आदमी
हर तरफ आदमी
रहने भी दो
अब जब खुदा भी
खुद हो चला आदमी।
खुदा होने से पहले
जवाब देंहटाएंआदमी से जुदा
हो चला आदमी।
ज़िंदगी का कहर झेल कर मिला
जवाब देंहटाएंबीच बाज़ार में खुद को नीलम कर गया यू हर आदमी khubsurat sunil bhai
आभार अराधना जी ।
हटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार( 31-07-2020) को "जन-जन का अनुबन्ध" (चर्चा अंक-3779) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।
…
"मीना भारद्वाज"
वाह!लाजवाब सृजन सर। आभार मीना दी पढ़वाने हेतु।
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिये का चलन खत्म हो चला समझो
जवाब देंहटाएंबल्ब को सूरज बना रहा आदमी।
वाह!!!
लाजवाब सृजन।
Study MBBS in Philippines
जवाब देंहटाएंStudents are mostly confused now with all the countries and consultancies offering attractive fees and exaggerating all the conditions available in the universities. When it comes to all the other countries that are offering “study MBBS abroad” for years have their own Pros and cons. Every single student willing to study MBBS abroad should have personal research and a thorough understanding of the various countries and universities in general.